CPM महासचिव सीताराम येचुरी ने इमरजेंसी से की CAA की तुलना, कही ये बात
By स्वाति सिंह | Published: January 28, 2020 10:49 AM2020-01-28T10:49:39+5:302020-01-28T10:50:08+5:30
वामदलों ने सीएए और एनआरसी का देशव्यापी विरोध करते हुये विभिन्न राज्यों में इनके खिलाफ जनजागरण अभियान चलाया है। इसी बीच माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने नागरिकता संशोधन कानून की तुलना इमरजेंसी से की है।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने नागरिकता संशोधन कानून की तुलना इमरजेंसी से की है। येचुरी ने सीएए को लेकर सोमवार देर रात कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा 'यह तर्क देने वालों के लिए कि सीएए पर सवाल नहीं उठाया जा सकता क्योंकि संसद ने इसे पारित कर दिया है। लेकिन हमें ये भी याद रखना चाहिए कि इमरजेंसी भी संसद द्वारा पारित किया गया था। हम लड़ें और लोकतंत्र की स्थापना की। इस विरोध में मौजूदा सत्तारूढ़ पार्टी के लोग भी शामिल हुए थे। क्या वे उस समय गलत थे?' उन्होंने आगे लिखा 'सरकार को लोगों की आवाज सुननी चाहिए और सीएए-एनआरसी और एनपीआर को वापस लेना चाहिए।'
इससे पहले भी येचुरी ने राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का हिस्सा बताते हुये लोगों से एनपीआर और एनआरसी के जवाब नहीं देकर इसका विरोध करने की अपील की है। येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘हम सब आजाद भारत के सिपाही हैं, भारत के संविधान को बचाना है।' उन्होंने सरकार से सीएए वापस लेने की मांग करते हुये कहा 'सीएए वापस लो, एनपीआर में जवाब नहीं देंगे, एनआरसी में कागज नहीं दिखायेंगे।'
Government must listen to the people and take back CAA, NRC & NPR. (2/2) https://t.co/iyd2Ne2vMr
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) January 27, 2020
उल्लेखनीय है कि वामदलों ने सीएए और एनआरसी का देशव्यापी विरोध करते हुये विभिन्न राज्यों में इनके खिलाफ जनजागरण अभियान चलाया है। येचुरी सहित वामदलों के अन्य वरिष्ठ नेता सीएए के विरोध में एक महीने तक विभिन्न शहरों में आयोजित रैलियों में शिरकत कर लोगों से एनपीआर और एनआरसी में शामिल नहीं होने की अपील कर रहे हैं।