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15 से 18 साल के किशोरों का टीकाकरण, एक करोड़ से ज्यादा को टीके की दोनों खुराक, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया बोले-युवा भारत का ऐतिहासिक कदम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 9, 2022 18:01 IST

भारत में 97.5 प्रतिशत पात्र लाभार्थियों को टीके की पहली खुराक मिल गई है और उनमें से 77 प्रतिशत लोगों को दूसरी खुराक लग गयी है।

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ठळक मुद्देविकसित देशों में, 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को पहली खुराक नहीं लगी है।भारत कोविड संकट से बेहतर तरीके से निपट रहा है।हेल्पलाइन पर 5.77 लाख कॉल प्राप्त हुए हैं।

नई दिल्लीः केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को बताया कि देश में अब तक एक करोड़ से ज्यादा किशोरों (15 से 18 साल आयु वर्ग) को कोविड-रोधी टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं। देश में अब तक 5.04 करोड़ से अधिक किशोरों को टीके की पहली खुराक दी गई है।

मांडविया ने ट्वीट किया, ‘‘युवा भारत का ऐतिहासिक कदम। 15-18 आयुवर्ग के एक करोड़ से अधिक किशोरों का पूर्ण टीकाकरण किया जा चुका है।’’ सुबह सात बजे तक मिली सूचनाओं के अनुसार, पिछले 24 घंटों में टीके की 53.61 लाख से ज्यादा खुराकें दी गई हैं। अभी तक टीके की कुल 170.87 करोड़ (1,70,21,72,615) खुराक लगायी गयी हैं। देश में 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों का टीकाकरण तीन जनवरी से शुरू हुआ है। 

मनसुख मांडविया ने राज्यसभा में कहा कि 15 साल तक बच्चों के टीकाकरण के बारे में सरकार विशेषज्ञ समूह के सुझावों के आधार पर फैसला करेगी। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान मांडविया ने पूरक सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। इससे पहले सदस्यों ने देश के विभिन्न हिस्सों में स्कूलों के फिर से खुलने से बच्चों की सुरक्षा को लेकर पैदा खतरों को लेकर चिंता जतायी।

स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में सुझाव देने के लिए विशेषज्ञों का एक समूह गठित किया है कि किस आयु वर्ग को पहले कोविड टीका दिया जाए। उन्होंने कहा कि अभी 15 से 18 साल तक के आयु वर्ग के लिए टीकाकरण चल रहा है। उन्होंने कहा कि 15-18 वर्ष के आयु वर्ग में अब तक 67 प्रतिशत टीकाकरण किया जा चुका है।

टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है और भविष्य का निर्णय (15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण के लिए) विशेषज्ञ समूह के सुझाव के आधार पर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समूह नियमित रूप से बैठकें करता है और अपने सुझाव देता है जिसके आधार पर सरकार कार्रवाई करती है।

कोविड टीकों की प्रभावशीलता के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मांडविया ने कहा कि उनहें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि न केवल भारत के ‘आईसीएमआर’ बल्कि वैश्विक वैज्ञानिक संस्थानों ने कहा है कि टीकाकरण से मृत्यु दर और अस्पताल में भर्ती होने की दर को कम करने में मदद मिलेगी।

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