जासूस रोकेंगे नकली कोरोना टीका, जानिए पूरा मामला
By एसके गुप्ता | Published: January 9, 2021 01:19 PM2021-01-09T13:19:17+5:302021-01-09T13:20:56+5:30
कोरोना वैक्सीनः एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट डिटेक्टिव एंड इन्वेस्टिगेटर्स ( एपीडीआई ) ने ग्लोबल एलाइंस अगेंस्ट फेक वैक्सीन (जीएएफवी) का गठन किया है। जिसमें दुनिया भर के निजी जासूस और जांचकर्ता शामिल होंगे।
नई दिल्लीः देश में जून से कोरोना वैक्सीन आमजन को लगनी शुरू हो जाएगी। ऐसे में यह आशंका है कि असली के साथ नकली वैक्सीन भी बाजार में आ सकती है।
इसी आशंका को देखते हुए पहले चरण में 16 देशों के जासूस और जांचकर्ता एकजुट हो काम करेंगे। एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट डिटेक्टिव एंड इन्वेस्टिगेटर्स ( एपीडीआई ) ने ग्लोबल एलाइंस अगेंस्ट फेक वैक्सीन (जीएएफवी) का गठन किया है। जिसमें दुनिया भर के निजी जासूस और जांचकर्ता शामिल होंगे।
इस वैश्विक सहयोग मंच का उद्देश्य बाजार में आने वाली नकली वैक्सीन की पहचान करना और उसके प्रसार को रोकना है। एपीडीआई के चेयरमैन कुंवर विक्रम सिंह ने कहा कि असली के साथ बाजार में बड़े स्तर पर नकली वैक्सीन भी आ सकती है। यूरोपियन यूनियन की एजेंसी यूरोपोल ने नकली वैक्सीन को लेकर एक चेतावनी भी जारी कर दी है।
इसी तरह से इंटरपोल ने भी पिछले महीने पर्पल नोटिस जारी किया है। उसने यह नोटिस दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग स्थित एक गोदाम में नकली वैक्सीन मिलने की घटना के बाद जारी किया है। इस तरह के मामलों को देखते हुए ही इस वैश्विक मंच का गठन किया गया है। इस मामले में एपीडीआई ने नेतृत्व संभालते हुए दुनिया के विभिन्न देशों को इस वैश्विक मंच में सहयोगी बनने का आह्वान भी किया है।
विक्रम सिंह ने कहा कि एपीडीआई की ओर से प्रधानमंत्री को इस मामले में एक पत्र लिखते हुए कहा गया है कि वह नकली वैक्सीन को पकड़ने में सरकार की मदद करने के लिए तैयार है। कुछ नकली दवा कंपनियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नकली वैक्सीन बनाने की चेष्टा में लगी हैं।
यह लोग बाजार में उपलब्ध असली दवा से मिलती जुलती नकली दवा बनाने की तैयारी कर रहे हैं। यह एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट है। जिसे समय रहते ध्वस्त करने की जरूरत है। उम्मीद है कि दुनिया भर में सरकार इस तरह की चेष्टा से निपटने के लिए अपनी तैयारी कर रही है। लेकिन हम अपनी ओर से भी नकली दवा को रोकने में हर संभव मदद देने के लिए तैयार है।