दूसरी लहर से ज्यादा गंभीर हो सकती है कोरोना की तीसरी लहर, बेहतर तैयारी से कम कर सकते हैं मौतें-एसबीआई रिपोर्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 2, 2021 08:55 PM2021-06-02T20:55:29+5:302021-06-02T21:06:58+5:30
रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी लहर भी दूसरी लहर की तरह की गंभीर हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार इसकी अवधि 98 दिनों की हो सकती है।
कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ रही है और अब तीसरी लहर के बारे में चर्चा हो रही है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से कोविड को लेकर जारी रिपोर्ट ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी लहर भी दूसरी लहर की तरह की गंभीर हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार इसकी अवधि 98 दिनों की हो सकती है।
हालांकि पांच पेजों की रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी लहर के प्रभाव को स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाकर और वैक्सीनेशन के जरिये कम किया जा सकता है।
98 दिन की तीसरी लहर
रिपोर्ट में बताया गया है कि विकसित देशों में तीसरी लहर की औसत अवधि 98 दिन थी, जबकि दूसरी लहर की अवधि 108 दिन रही थी।
सीमित हो सकती है मौतों की संख्या
रिपोर्ट के मुताबिक यदि हम तीसरी लहर के लिए बेहतर ढंग से तैयारी करें तो गंभीर मामलों को कम कर सकते हैं। जिसके चलते मौतों को कम किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि हमने पता लगाया है कि यदि गंभीर मामले 20 फीसद से कम होकर 5 फीसद रह जाते हैं तो तीसरी लहर में मरने वालों की संख्या 40 हजार तक सीमित की जा सकती है। वहीं अभी दूसरी लहर में करीब 1.7 लाख लोगों की मौत हुई है।
रिपोर्ट ने बच्चों को लेकर चेताया
साथ ही रिपोर्ट में बच्चों को लेकर भी सचेत किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चे तीसरी लहर में आघात योग्य ग्रुप में हो सकते हैं। उनके लिए टीकारण को प्राथमिकता देनी चाहिए। देश में 15-17 करोड़ बच्चे 12-18 साल के ग्रुप में हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को भी विकसित देशों की तरह अपनाई गई उन्नत खरीद की रणनीति के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
इसलिए तीसरी लहर की चर्चा ज्यादा
हालिया दिनों में कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर लोगों में खासा डर है। इस लहर में कई एजेंसियों ने बच्चों के ज्यादा संख्या में संक्रमित होने की आशंका जताई थी। जिसके बाद धीरे-धीरे लोगों में तीसरी लहर को लेकर डर बैठता जा रहा है। बड़ी संख्या में माता-पिता अपने बच्चों को लेकर चिंतित हैं।