कोविड-19 से ठीक हो चुका पुलिसकर्मी फिर संक्रमित, उठा सवाल- क्या दोबारा हो सकता है संक्रमण

By भाषा | Published: July 23, 2020 07:42 PM2020-07-23T19:42:05+5:302020-07-23T19:42:05+5:30

दिल्ली पुलिस का एक कर्मी कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद दोबारा महामारी से संक्रमित हो गया है, इसके बाद सवाल उठने लगा है कि क्या कोई मरीज दोबारा संक्रमित हो सकता है।

COVID-19: Recovered Delhi cop tests positive again, raises question if coronavirus can reinfect | कोविड-19 से ठीक हो चुका पुलिसकर्मी फिर संक्रमित, उठा सवाल- क्या दोबारा हो सकता है संक्रमण

दिल्ली पुलिक का एक कर्मी कोविड-19 से ठीक होने के बाद फिर संक्रमित पाया गया है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsपुलिसकर्मी (50) मई में संक्रमित पाए गए थे और 15 से 22 मई तक इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में उनका उपचार हुआ था। इसके बाद उनमें संक्रमण नहीं मिला और वह ड्यूटी करने लगे।10 जुलाई को वह फिर से बीमार हो गए और बुखार तथा सूखी खांसी होने पर उन्होंने 13 जुलाई को जांच कराई।

नई दिल्ली। कोविड-19 से ठीक हो चुके दिल्ली पुलिस के एक कर्मी के फिर से संक्रमित हो जाने पर विशेषज्ञ और उनका इलाज करने वाले डॉक्टर हैरान हैं और सवाल उठा है कि क्या कोई मरीज दोबारा संक्रमित हो सकता है। पुलिसकर्मी (50) मई में संक्रमित पाए गए थे और 15 से 22 मई तक इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में उनका उपचार हुआ था। इसके बाद उनमें संक्रमण नहीं मिला और वह ड्यूटी करने लगे। हालांकि, 10 जुलाई को वह फिर से बीमार हो गए और बुखार तथा सूखी खांसी होने पर उन्होंने 13 जुलाई को जांच कराई।

अपोलो हॉस्पिटल में श्वसन और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. राजेश चावला ने बताया कि एंटीजन जांच तथा आरटी-पीसीआर जांच दोनों तरह के परीक्षण में संक्रमण की पुष्टि हुई। वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि पुलिसकर्मी को और कोई बीमारी नहीं थी। उन्होंने 16 जुलाई को सीने में दर्द की शिकायत की और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत स्थिर है।

पहली बाद संक्रमित होने पर नहीं दिखे थे लक्षण

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘पहली बार जब वह संक्रमित हुए थे तो उनमें कोई लक्षण नहीं था। अस्पताल में एक कैंप था और चूंकि उनके दोस्त संक्रमित हुए थे तो उन्होंने भी जांच कराई और संक्रमित पाए गए।’’ उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी ने दूसरी बार एंटीबॉडी की भी जांच कराई, लेकिन पाया गया कि शरीर में एंटीबॉडी नहीं बनी। दोबारा संक्रमित होने का क्या कारण हो सकता है, वो भी एक महीने के भीतर।

इन तीन कारणों से ठीक होने के बाद हुए संक्रमित

इस सवाल पर डॉ चावला ने कहा, ‘‘मैं कहता कि यह एक मृत वायरस है, जिससे संक्रमण होने की पुष्टि हुई। लेकिन मामला वह नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी चीज ये हो सकती है कि पहली बार जब उन्होंने जांच कराई थी तो यह संक्रमण का ‘फॉल्स’ मामला था। आरटी-पीसीआर जांच में यह होना बहुत-बहुत दुर्लभ है, लेकिन ऐसा हो सकता है। तीसरी चीज, एंटीबॉडी नहीं बनने के कारण वह दोबारा संक्रमित हुए होंगे। मैंने किसी मरीज का ऐसा मामला नहीं देखा है।’’

एंटीबॉडी का सही स्तर नहीं बन पाना हो सकता है कारण

फोर्टिस हॉस्पिटल वसंत कुंज में इंटरनल मेडिसिन की सीनियर कंसल्टेंट डॉ मुग्धा तापडिया ने डॉ. चावला की राय से सहमति जताई। उन्होंने कहा कि यह संभव है कि वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी का सही स्तर नहीं बन पाया होगा। इसका ये मतलब है कि संपर्क में आने पर मरीज दोबारा संक्रमित हो गया। हालांकि, उन्होंने इस संभावना से इनकार नहीं किया कि पहली जांच त्रुटिपूर्ण रही हो। इस सप्ताह की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी में इसी तरह का मामला सामने आया जब निगम संचालित अस्पताल की नर्स ठीक होने के बाद दोबारा संक्रमित पाई गई।

कोविड-19 से दोबारा संक्रमित होने दुनियाभर में अध्ययन का विषय है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कोविड-19 से दोबारा संक्रमित होने दुनियाभर में अध्ययन का विषय है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

दोबारा संक्रमण के छिटपुट मामले हो सकते हैं

हालांकि, निगम के अधिकारियों ने दावा किया था कि चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि पूर्व के संक्रमण में उनके शरीर में ‘मृत वायरस’ रह गया होगा। सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्युलर बॉयोलॉजी में विषाणु विज्ञानी कृष्णन हर्षन ने दोबारा संक्रमण के बारे में कहा कि ये छिटपुट मामले हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसके दो पहलू हो सकते हैं। अगर ठीक हो चुके मरीज में दोबारा वायरस पाया गया तब या तो जांच में कुछ समस्या है या लोगों में प्रतिरक्षा तंत्र का मुद्दा है।’’ उन्होंने कहा कि वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी कुछ समय तक रहती है।

दोबारा संक्रमित होना सारी दुनिया में अध्ययन का विषय

डॉ तापडिया ने कहा कि यह सारी दुनिया में अध्ययन का एक विषय है। उन्होंने कहा, ‘‘कोरिया, चीन जैसे कुछ स्थानों पर दोबारा संक्रमण के मामले आए हैं। दो तरह के मरीज देखे गए हैं। पहले मामले में बीमारी के लक्षण बहुत हल्के थे और दूसरे मामले में मरीज की स्थिति बहुत नाजुक थी। दूसरी तरह के मरीज में पहली बार यह गंभीर रूप में था और दूसरी बार भी ऐसी ही स्थिति थी।’’ वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि ठीक हो चुके मरीज भी कुछ सतर्कता कम कर देते हैं और यह सोचने लगते हैं कि दोबारा वे संक्रमित नहीं होंगे। डॉ तापडिया ने कहा, ‘‘यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हल्के और बिना लक्षण वाले मामले में 14 दिन के बाद इम्यूनिटी जांचने के लिए एंटीबॉडी टेस्ट होना चाहिए।’’

Web Title: COVID-19: Recovered Delhi cop tests positive again, raises question if coronavirus can reinfect

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