पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच के लिए याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा न्यायालय

By भाषा | Published: July 30, 2021 01:53 PM2021-07-30T13:53:34+5:302021-07-30T13:53:34+5:30

Court to hear petition for independent investigation into Pegasus spy case next week | पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच के लिए याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा न्यायालय

पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच के लिए याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा न्यायालय

नयी दिल्ली, 30 जुलाई उच्चतम न्यायालय पेगासस जासूसी मामले की किसी वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से स्वतंत्र जांच कराने के लिए वरिष्ठ पत्रकार एन. राम और शशि कुमार की याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करने के लिए शुक्रवार को सहमत हो गया।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने एन राम और वरिष्ठ पत्रकार शशि कुमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की इस बात पर गौर किया कि कथित जासूसी के व्यापक प्रभाव को देखते हुए इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है। न्यायालय की रजिस्ट्री इस याचिका का पंजीकरण कर चुकी है।

सिब्बल ने कहा कि यह मुद्दा नागरिकों की स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाला है और विपक्षी नेताओं, पत्रकारों यहां तक की अदालत कर्मियों को भी निगरानी में रखा गया है। मामले पर तत्काल सुनवाई का आग्रह करते हुए सिब्बल ने कहा, ‘‘इसने भारत समेत पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है।’’

इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम इसे अगले हफ्ते के लिए सूचीबद्ध करेंगे।’’

याचिका में कहा गया है कि कथित जासूसी भारत में विरोध की स्वतंत्र अभिव्यक्ति को दबाने और हतोत्साहित करने के एजेंसियों एवं संगठनों के प्रयास की बानगी है। याचिका में पेगासस स्पाईवेयर के जरिए फोनों की कथित हैकिंग की जांच कराने का अनुरोध किया गया है।

गौरतलब है कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबरों को इजराइल के पेगासस स्पाइवेयर के जरिए निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की सूची में रखा गया।

याचिका में कहा गया है कि यदि सरकार या उसकी किसी भी एजेंसी ने पेगासस स्पाईवेयर का लाइसेंस लिया, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से इसका इस्तेमाल किया और यदि किसी भी तरह की निगरानी रखी गई है तो केंद्र को इस बारे में खुलासा करने का निर्देश दिया जाए।

इसमें कहा गया कि सिक्युरिटी लैब ऑफ एमनेस्टी इंटरनेशनल के फॉरेंसिक विश्लेषण में पेगासस द्वारा सुरक्षा में सेंध लगाने की पुष्टि हुई है। याचिका में कहा गया, ‘‘सैन्य स्तर के स्पाईवेयर के जरिए निगरानी निजता के अधिकार का अस्वीकार्य उल्लंघन है।’’

याचिका में कहा गया, ‘‘यह हमला प्रथमदृष्टया साइबर आतंकवाद की हरकत है जिसके गंभीर राजनीतिक एवं सुरक्षा परिणाम होंगे खासकर इस तथ्य पर गौर करते हुए कि जिन फोन में सेंध लगाई गई वे सरकार के मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के हैं जिनमें संवेदनशील जानकारियां हो सकती हैं।

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Web Title: Court to hear petition for independent investigation into Pegasus spy case next week

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