तिहाड़ जेल में विचाराधीन बंदी की हत्या पर अदालत हैरान

By भाषा | Updated: February 24, 2021 16:52 IST2021-02-24T16:52:32+5:302021-02-24T16:52:32+5:30

Court surprised at the murder of the undertrial in Tihar Jail | तिहाड़ जेल में विचाराधीन बंदी की हत्या पर अदालत हैरान

तिहाड़ जेल में विचाराधीन बंदी की हत्या पर अदालत हैरान

नयी दिल्ली, 24 फरवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने तिहाड़ जेल में बंद एक विचाराधीन बंदी की चाकू घोंपकर की गई हत्या पर आश्चर्य जताते हुए बुधवार को कहा कि ऐसी चीजें सिर्फ गल्पों (फिक्शन) में देखी गई थीं।

बेटे की हिरासत में हुई मौत पर पांच करोड़ रुपये की मुआवजा राशि का अनुरोध करने वाले मृतक के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि ऐसा कैसे हो सकता है। यह आश्चर्यजनक है। हम ऐसी चीजें सिर्फ फिक्शन में देखते हैं।’’

अदालत ने जेल प्रशासन और पुलिस को निर्देश दिया कि वह स्थित रिपोर्ट दायर करके बताए कि मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई है या नहीं, अगर हुई है तो जांच कहां तक पहुंची है। जेल प्रशासन की ओर से दिल्ली सरकार के अवर स्थाई अधिवक्ता संजय घोष और वकील नमन जैन पेश हुए थे।

अदालत ने कहा कि रिपोर्ट में यह सूचना भी होनी चाहिए कि बंदी को जिस कोठरी में रखा गया था उसकी सीसीटीवी का फुटेज संरक्षित रखा गया है या नहीं, अगर रखा गया है तो किस स्वरूप में। अदालत ने यह भी पूछा कि उसके मामले में अभी तक आरोपपत्र दाखिल हुआ है या नहीं, अगर हुआ है तो निचली अदालत में मुकदमा किस स्थिति में है।

अदालत ने यह भी कहा कि मृतक बंदी के पिता अली शेर को जांच और मुकदमे की सुनवाई के प्रत्येक कदम से अवगत कराया जाए।

इन निर्देशों के साथ ही अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए पांच मार्च की तारीख तय की है।

सुनवाई के दौरान घोष ने कहा कि ‘‘यह चिंता का विषय है’’ कि राष्ट्रीय राजधानी में ऐसा कुछ हो सकता है। उन्होंने कहा कि बंदी के शरीर पर नौ जख्म थे।

वकीलों अनवर ए. खान और विशाल राज सहजपाल के माध्यम से दी गई याचिका में अली शेर ने कहा है कि उनका बेटा दिलशेर आजाद सितंबर, 2019 से तिहाड़ जेल में विचाराधीन बंदी था।

याचिका के अनुसार, 30 नवंबर, 2020 को उन्हें पुलिस का फोन आया कि उनके बेटे की मौत हो गई है, लेकिन जेल पहुंचने पर वहां के प्रशासन ने उनके साथ सहयोग नहीं किया और नाहीं आजाद के मरने की सही वजह बतायी।

शेर ने जब वकील को फोन किया तो उन्हें पता चला कि उनके बेटे की चाकू घोंपकर हत्या की गई है। याचिका के अनुसार, शेर को उनके बेटे का शव एक दिसंबर, 2020 को मिला।

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Web Title: Court surprised at the murder of the undertrial in Tihar Jail

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