न्यायालय ने मानसिक रूप से कमजोर महिला की गवाही पर भरोसा किया, अभियुक्त की सजा को कायम रखा

By भाषा | Updated: August 12, 2021 17:39 IST2021-08-12T17:39:38+5:302021-08-12T17:39:38+5:30

Court relied on the testimony of mentally challenged woman, upheld the conviction of the accused | न्यायालय ने मानसिक रूप से कमजोर महिला की गवाही पर भरोसा किया, अभियुक्त की सजा को कायम रखा

न्यायालय ने मानसिक रूप से कमजोर महिला की गवाही पर भरोसा किया, अभियुक्त की सजा को कायम रखा

(अभिषेक अंशु)

नयी दिल्ली, 12 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने मानसिक रूप से कमजोर एक महिला की गवाही पर भरोसा करते हुए बलात्कार के आरोपी की दोषसिद्धि को बृहस्पतिवार को कायम रखा। इससे पहले उच्च न्यायालय ने निचलीत अदालत का फैसला कायम रखा था।

पीड़िता ने अपने साथ हुई बलात्कार की घटना को निचली अदालत में प्रश्नोत्तर रूप में बताया था।

यह घटना सितंबर 2015 में उत्तराखंड में हुयी थी और 70 प्रतिशत अशक्त 36 वर्षीय महिला ने निचली अदालत में प्रश्नोत्तर रूप में गवाही दी थी क्योंकि उसे शपथ नहीं दिलाई जा सकती थी क्योंकि वह इसे समझने में असमर्थ थी।

निचली अदालत ने अक्टूबर 2016 में आरोपी को दोषी ठहराते हुए 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि जिरह के दौरान महिला ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की तस्वीरों की सही पहचान की थी।

उच्च न्यायालय ने अभियुक्त की अपील मार्च 2019 में खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को कायम रखा था। अभियुक्त ने उस फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी जो न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई थी।

पीठ ने अपील को खारिज कर दिया और कहा कि सबूत में कुछ विरोधाभास हैं। हालांकि, हमारा मानना है कि महिला की गवाही विश्वसनीय है और वह भादंसं की धारा 376 (2) (आई) के तहत अपीलकर्ता को दोषी ठहराने का एकमात्र आधार हो सकती है।

न्याय मित्र के रूप में उच्चतम न्यायालय की सहायता कर रहे एक वकील ने पीठ से कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने और महिला की चिकित्सा जांच में देरी के कारण आरोपों की पुष्टि के लिए कोई मेडिकल साक्ष्य नहीं है। उन्होंने यह भी दलील दी कि अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों में विरोधाभास था।

राज्य की ओर से पेश वकील ने महिला के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि यह बलात्कार का मामला है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Court relied on the testimony of mentally challenged woman, upheld the conviction of the accused

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे