न्यायालय का पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के अनादर पर आपराधिक मामलों को पंजाब से बाहर स्थानांतरित करने से इनकार
By भाषा | Published: November 25, 2020 10:49 PM2020-11-25T22:49:19+5:302020-11-25T22:49:19+5:30
नयी दिल्ली, 25 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने सिखों के पवित्र ग्रंथ ‘श्री गुरु ग्रंथ साहिबजी’ का ‘डेरा सच्चा सौदा’ के कुछ अनुयायियों द्वारा कथित रूप से अनादर किए जाने से संबंधित आपराधिक मामलों को पंजाब से बाहर स्थानांतरित करने से बुधवार को इनकार कर दिया। न्यायालय ने कहा कि मुकदमों की सुनवाई दूसरे राज्य में स्थानांतरित करना निश्चित ही राज्य की न्यायपालिका की विश्वसनीयता को परिलक्षित करेगा।
न्यायमूर्ति ऋषिकेष राय की एकल पीठ ने इन आपराधिक मामलों को दिल्ली या चंडीगढ़ की अदालत में स्थानांतरित करने का आग्रह करने वाली जतिन्दरवीर अरोड़ा और अन्य की छह स्थानांतरण याचिकाएं खारिज कर दीं। ये मामले इस समय पंजाब के बठिंडा, मोगा और फरीदकोट जिले की अदालतों में लंबित हैं।
यह आरोप है कि चूंकि ये मामले 2015 में पंजाब में विभिन्न स्थानों पर पवित्र ग्रंथ साहिब का कथित अनादर करने से संबंधित हैं और वहां एक विशेष धार्मिक समूह में आक्रोश एवं कड़वाहट व्याप्त है, जो पंजाब में बहुसंख्यक हैं और इसलिए डेरा सच्चा सौदा के आरोपी सदस्यों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई प्रभावित हो सकती है।
शीर्ष अदालत ने इन मामलों के तथ्यों का जिक्र करते हुए कहा कि एक राज्य से दूसरे राज्य में मुकदमा स्थानांतरित करना अपरिहार्य रूप से राज्य की न्यायपालिका की विश्वसनीयता पर सवाल करता है। निष्पक्ष न्याय से वंचित होने के बारे में बाध्यकारी तथ्य और परिस्थितियों के अलावा मामला स्थानांतरित करने के अधिकार का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। पेश मामले इस तरह के अपवाद वाली श्रेणी में नहीं आते हैं।
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