अदालत का वृद्धावस्था भत्ते को लेकर निगम पार्षद के खिलाफ प्राथमिकी के आदेश पर रोक से इनकार
By भाषा | Updated: April 2, 2021 17:33 IST2021-04-02T17:33:01+5:302021-04-02T17:33:01+5:30

अदालत का वृद्धावस्था भत्ते को लेकर निगम पार्षद के खिलाफ प्राथमिकी के आदेश पर रोक से इनकार
नयी दिल्ली, दो अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोकायुक्त के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है जिसमें 2018 की योजना के तहत वृद्धावस्था पेंशन जारी करने से सरकारी खजाने को हुए कथित नुकसान पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम की एक पार्षद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की बात कही गई थी।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने लोकायुक्त द्वारा पिछले साल जनवरी में दिए गए प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश के संबंध में चल रही किसी जांच या सुनवाई को रोकने से भी इनकार कर दिया।
न्यायाधीश ने 24 मार्च के अपने आदेश में कहा, “आरोपों की प्रकृति को देखते हुए प्राथमिकी और सुनवाई तथा जांच रोकने संबंधी अंतरिम याचिका खारिज की जाती है। हालांकि, उस चरण में आर्थिक नुकसान की वसूली के लिये कोई कदम उठाए गए हैं तो याचिकाकर्ता (पार्षद) को अदालत से संपर्क करने की अनुमति है।”
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा अगर ऐसा कोई आवेदन दिया जाता है तो अदालत इस बात पर विचार कर सकती है कि कोई अंतरिम संरक्षण देना है या नहीं और यदि देना है तो किन शर्तों पर।
अदालत ने इस मामले में उप राज्यपाल के कार्यालय और दिल्ली सरकार को भी नोटिस जारी कर पार्षद - भूमि चतर सिंह रछोया- की याचिका पर उनका रुख पूछा है और मामले में सुनवाई की अगली तारीख 21 अगस्त तय की है।
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