अदालत का कलपक्कम परमाणु ऊर्जा केंद्र में यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई के लिए नई समिति बनाने का आदेश
By भाषा | Updated: December 14, 2021 21:26 IST2021-12-14T21:26:46+5:302021-12-14T21:26:46+5:30

अदालत का कलपक्कम परमाणु ऊर्जा केंद्र में यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई के लिए नई समिति बनाने का आदेश
चेन्नई, 14 दिसंबर मद्रास उच्च न्यायालय ने चेन्नई के निकट कलपक्कम में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के निदेशक को निर्देश दिया कि वह संस्थान की एक महिला कर्मी के यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई के लिये ‘महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिग उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 की धारा चार के तहत एक हफ्ते के अंदर समिति का गठन करें।
न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम ने अपने हालिया आदेश में कहा कि यह स्पष्ट किया गया है कि समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किए जाने वाले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) को बाहरी व्यक्ति होना चाहिए और बेहतर होगा वह कलपक्कम के बाहर से हो।
न्यायाधीश केंद्र की एक महिला कर्मचारी की एक रिट याचिका को स्वीकार कर रहे थे जिसमें एक सहकर्मी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था।
न्यायाधीश ने यह देखते हुए आदेश पारित किया कि याचिकाकर्ता ने पीड़ा झेली है, विशेष रूप से ऐसे में जब मामले को लगभग आठ वर्षों से लंबित रखा गया है और अब भी यह अंतिम चरण तक नहीं पहुंचा है।
न्यायाधीश ने कहा, “इन परिस्थितियों में, इस अदालत के पास आधिकारिक प्रतिवादियों को समयबद्ध तरीके से एक समिति गठित करने और जांच में और चूक या दोषों से बचने के लिए इसे यथासंभव शीघ्र पूरा करने का निर्देश देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
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