चुनाव आयोग रिश्वत मामले में कथित बिचौलिये को न्यायालय ने दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी

By भाषा | Published: November 23, 2020 08:43 PM2020-11-23T20:43:44+5:302020-11-23T20:43:44+5:30

Court granted interim bail of two weeks to the alleged middleman in Election Commission bribery case | चुनाव आयोग रिश्वत मामले में कथित बिचौलिये को न्यायालय ने दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी

चुनाव आयोग रिश्वत मामले में कथित बिचौलिये को न्यायालय ने दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी

नयी दिल्ली, 23 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग रिश्वत कांड में गिरफ्तार कथित बिचौलिये को सोमवार को दो सप्ताह के लिये अंतरिम जमानत दे दी ताकि वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हो सके। यह मामला अन्नाद्रमुक के नेता टीटीवी दिनाकरण की कथित संलिप्तता से जुड़ा है।

न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ के समक्ष आरोपी सुकेश चंद्रशेखर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने इस मामले का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि आरोपी के पिता का रविवार को निधन हो गया है और उसे उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने तथा क्रियाकर्म से संबंधित औपचारिकतायें पूरी करने के लिये अंतरिम जमानत दी जाये।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हम तद्नुसार निर्देश देते हैं कि आवेदनकर्ता को आज से अर्थात 23 नवंबर, 2020 से नौ दिसंबर, 2020 को समाप्त हो रहे दो सप्ताह के लिये अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाये।’’ पीठ ने कहा कि आरोपी नौ दिसंबर को रोहिणी जेल में समर्पण करेगा।

न्यायालय ने कहा कि आवेदनकर्ता दिल्ली स्थित रोहिणी जेल से रिहाई होने के समय से समर्पण करने तक दिल्ली सशस्त्र पुलिस की तीसरी बटालियन द्वारा उपलब्ध करायी गयी पुलिस की सुरक्षा के बीच रहेगा। न्यायालय ने कहा कि पुलिस सुरक्षा पर आने वाला खर्च और शुल्क आवेदनकर्ता वहन करेगा और इसके लिये दिल्ली पुलिस की तीसरी सशस्त्र बटालियन के पास पांच लाख रुपए जमा कराये जायेंगे।

पीठ ने अपने आदेश में इस तथ्य का भी जिक्र किया कि उसने चंद्रशेखर को इससे पहले ल्यूकेमिया से पीड़ित अपने पिता से मिलने के लिये अंतरिम जमानत दी थी। लेकिन इसी दौरान वह कोविड-19 की चपेट में आ गया था, जिस वजह से अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाई गयी थी।

न्यायालय ने आदेश में कहा कि चेन्नई में अस्पताल से छुट्टी मिलने पर आरोपी ने दिल्ली में रोहिणी जेल में समर्पण कर दिया था।

चंद्रशेखर को पुलिस ने 2017 में गिरफ्तार किया था। चंद्रशेखर ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उसकी जमानत याचिका खारिज करने के पांच मार्च के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर कर रखी है।

इस मामले में निचली अदालत में 14 जुलाई, 2017 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था। आरोप पत्र में कहा गया है कि दिनाकरण और चंद्रशेखर ने अपने राजनीतिक दल के लिये ‘दो पत्ती’ चुनाव चिन्ह प्राप्त करने के लिये निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश की थी।

इस मामले में दिनाकरण को चार दिन की पूछताछ के बाद 25 अप्रैल, 2018 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

हालांकि, दिनाकरण और चंद्रशेखर ने इन आरोपों से इंकार किया है।

चंद्रशेखर ने तमिलनाडु में आर के नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में शशिकला गुट को अन्नाद्रमुक का ‘दो पत्ती’ चुनाव चिन्ह दिलाने के लिये निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने की खातिर दिनाकरण से कथित रूप से पैसा लिया था।

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के कारण विधानसभा की यह सीट रिक्त हो जाने की वजह से इसके लिये उपचुनाव हुये थे।

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Web Title: Court granted interim bail of two weeks to the alleged middleman in Election Commission bribery case

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