अदालत ने कर्मचारियों की आरटी-पीसीआर जांच संबंधी एमपीटी के परिपत्र के खिलाफ अर्जी खारिज की

By भाषा | Updated: December 21, 2021 20:10 IST2021-12-21T20:10:21+5:302021-12-21T20:10:21+5:30

Court dismisses application against MPT's circular regarding RT-PCR test of employees | अदालत ने कर्मचारियों की आरटी-पीसीआर जांच संबंधी एमपीटी के परिपत्र के खिलाफ अर्जी खारिज की

अदालत ने कर्मचारियों की आरटी-पीसीआर जांच संबंधी एमपीटी के परिपत्र के खिलाफ अर्जी खारिज की

मुंबई, 21 दिसंबर बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि जो लोग जानबूझकर कोविड-19 का टीका लगवाने से बच रहे हैं, वे खुद के वायरस से संक्रमित होने का खतरा बढ़ा रहे हैं।

न्यायमूर्ति एसजे काठवाला और न्यायमूर्ति अभय अहूजा की पीठ ने इसके साथ ही मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमपीटी) के सात कर्मचारियों की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी जिसमें एमपीटी द्वारा इस साल जून में जारी परिपत्र को चुनौती दी गई थी। परिपत्र में कोविड-19 का टीका नहीं लगवाने वाले कर्मचारियों के लिए प्रत्येक 10 दिन में आरटी-पीसीआर जांच कराकर रिपोर्ट दिखाने को अनिवार्य किया गया था।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिककर्ताओं द्वारा टीका नहीं लगाने के फैसले का सम्मान किया जाता है, लेकिन इसका अभिप्राय यह नहीं है कि एमपीटी उनके साथ भी वैसा ही व्यवहार करे जैसा वह टीकाकरण कराने वाले लोगों से करता है।

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Web Title: Court dismisses application against MPT's circular regarding RT-PCR test of employees

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