न्यायालय ने पत्रकार कप्पन को उपचार के लिए राज्य के बाहर भेजने का उप्र सरकार को निर्देश दिया

By भाषा | Updated: April 28, 2021 19:10 IST2021-04-28T19:10:16+5:302021-04-28T19:10:16+5:30

Court directs UP government to send journalist Kappan outside the state for treatment | न्यायालय ने पत्रकार कप्पन को उपचार के लिए राज्य के बाहर भेजने का उप्र सरकार को निर्देश दिया

न्यायालय ने पत्रकार कप्पन को उपचार के लिए राज्य के बाहर भेजने का उप्र सरकार को निर्देश दिया

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को बुधवार को निर्देश दिया कि पिछले साल गिरफ्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को बेहतर उपचार के लिए राज्य से बाहर स्थानांतरित कर दिया जाए।

पत्रकार कप्पन (42) को पिछले साल हाथरस जाते समय रास्ते में गिरफ्तार किया गया था जहां एक दलित युवती की कथित सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी।

आरोपी के बुनियादी मानवाधिकार को ध्यान में रखते हुए प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने राहत प्रदान की और राज्य सरकार को पत्रकार को उपचार मुहैया कराने का निर्देश दिया।

पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना भी थे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि स्वस्थ होने के बाद कप्पन को मथुरा की जेल भेजा जाए।

शीर्ष अदालत ने केरल की पत्रकार यूनियन (केयूडब्ल्यूजे) की ओर से दाखिल याचिका का निस्तारण करते हुए कप्पन को यह छूट दी कि वह गिरफ्तारी के खिलाफ या किसी भी अन्य राहत के लिए उचित मंच का रुख कर सकते हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘मामले के तथ्यों पर गौर करते हुए, हम याचिका का निस्तारण करते हैं। भले ही सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने बहुत गंभीरता से इसका विरोध किया है, लेकिन हम राज्य को आरोपी को राममनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल या अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) या जहां कहीं उपचार हो सकता है, वहां भेजने का निर्देश देते हैं।’’

मेहता ने शीर्ष अदालत के सुझाव का यह कहते हुए कड़ा विरोध किया था कि पीठ संबंधित अस्पताल को कप्पन के लिए एक बिस्तर की व्यवस्था करने का निर्देश दे सकती है।

हालांकि शीर्ष अदालत ने मुद्दे पर किसी तरह का निर्देश देने से इनकार कर दिया और मेहता से कहा कि राज्य सरकार एक बिस्तर का व्यवस्था करा सकती है और ‘‘हम इसे उसी पर छोड़ रहे हैं।’’

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए मेहता ने इससे पहले सुबह में शीर्ष अदालत के सुझाव का यह कहते हुए पुरजोर विरोध किया कि इसी तरह के कई आरोपियों का राज्य के अस्पतालों में उपचार हो रहा है।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों के कई अंग काम नहीं कर रहे, मथुरा जेल का अस्पताल उन लोगों का भी उपचार कर रहा है।

केयूडब्ल्यूजे और कप्पन की पत्नी की तरफ से पेश अधिवक्ता विल्स मैथ्यूज ने कहा कि कप्पन को समुचित दवा और उपचार के निर्देश के साथ मामले में अंतरिम जमानत दी जा सकती है।

सुनवाई आरंभ होने पर पीठ ने कहा कि वह कप्पन के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के सीमित अनुरोध पर सुनवाई कर रही है और पूछा कि क्या उनका दिल्ली में उपचार हो सकता है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम स्वास्थ्य के मुद्दे तक सीमित हैं। यह राज्य के हित में भी है कि आरोपी को बेहतर उपचार मिले।’’

पिछले साल 16 नवंबर को, शीर्ष अदालत ने पत्रकार की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश से जवाब दाखिल करने को कहा था।

पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से कथित तौर पर संबंध रखने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

कप्पन को हाथरस घटना की रिपोर्टिंग पर जाने के दौरान रास्ते में गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल 14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में 19 वर्षीय दलित युवती की सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गयी थी।

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Web Title: Court directs UP government to send journalist Kappan outside the state for treatment

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