अदालत का सिस्टर लूसी को एफसीसी कॉन्वेंट में पुलिस सुरक्षा देने से इनकार

By भाषा | Published: July 22, 2021 10:35 PM2021-07-22T22:35:14+5:302021-07-22T22:35:14+5:30

Court denies police protection to Sister Lucy at FCC convent | अदालत का सिस्टर लूसी को एफसीसी कॉन्वेंट में पुलिस सुरक्षा देने से इनकार

अदालत का सिस्टर लूसी को एफसीसी कॉन्वेंट में पुलिस सुरक्षा देने से इनकार

कोच्चि, 22 जुलाई केरल उच्च न्यायालय ने नियमों के कथित उल्लंघन के लिए फ्रांसिस्कन क्लैरिस्ट कॉन्ग्रिगेशन से निष्कासित सिस्टर लूसी कलाप्पुरा को कराककामला में एफसीसी कॉन्वेंट में रहने के लिए पुलिस सुरक्षा प्रदान करने से इनकार कर दिया और कहा कि उनकी मौजूदगी से वहां रहने वाले अन्य से केवल विवाद ही उत्पन्न होगा।

हालांकि, अदालत ने कहा कि अगर नन कॉन्वेंट के बाहर किसी जगह पर रहती हैं और पुलिस से इस शिकायत के साथ संपर्क करती हैं कि कॉन्वेंट अधिकारी या कोई और उसे धमकी दे रहा है या उसके शांतिपूर्ण रहने में हस्तक्षेप कर रहा है, तो आरोपों की सच्चाई का पता लगाया जाएगा और उसे पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

अदालत ने कहा कि इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए बहुत विचार-विमर्श की आवश्यकता नहीं कि एफसीसी कॉन्वेंट में उनके और अन्य रहने वालों के बीच संबंध "काफी कटु" थे।

न्यायमूर्ति आर विजयराघवन वी ने कहा, ‘‘पुलिस को याचिकाकर्ता (कलाप्पुरा) द्वारा उठाये गए एक आरोप या अन्य आरोपों को देखते हुए समय-समय पर कॉन्वेंट का दौरा करने की आवश्यकता है, जिसमें वहां रहने वालों पर गलत कृत्य किये जाने का आरोप लगाया गया है। कॉन्वेंट में याचिकाकर्ता की उपस्थिति से केवल विवाद ही उत्पन्न होगा और निरंतर असामंजस्य बना रहेगा।’’

उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि उसकी विभिन्न शिकायतों के अनुसार, उन्हें ज्ञात और अज्ञात व्यक्तियों द्वारा लगातार शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी दी जा रही थी।

न्यायाधीश ने आगे कहा कि चूंकि नन की कॉन्वेंट से बेदखली के खिलाफ याचिका एक मुंसिफ अदालत के समक्ष लंबित है, इसलिए उच्च न्यायालय के लिए इस स्तर पर यह गौर करना उचित नहीं होगा कि उसे कॉन्वेंट में रहने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं।

अदालत ने कहा कि इसके बजाय, उच्च न्यायालय ने मुंसिफ अदालत को "तेजी से" और तीन सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया जब नन या एफसीसी उनके रहने को लेकर अदालत में कोई अर्जी दायर करे।

अदालत ने कहा, ‘‘पक्षकार मुंसिफ अदालत द्वारा पारित आदेश से बाध्य होंगे। यदि दोनों में से कोई भी पक्ष सिविल कोर्ट द्वारा ऊपर दिए गए आदेशों का उल्लंघन करता है, तो वे अदालत का रुख कर सकते हैं और आदेश को लागू करवा सकते हैं।’’

इन टिप्पणियों और निर्देशों के साथ, अदालत ने नन की उस याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें पुलिस सुरक्षा और कॉन्वेंट अधिकारियों को उसके ठहरने में हस्तक्षेप करने से रोकने का अनुरोध किया गया था।

रोमन कैथोलिक चर्च के तहत एफसीसी ने अगस्त 2019 में नन को निष्कासित कर दिया था। नन ने बिशप फ्रांको मुलक्कल की गिरफ्तारी की मांग करते हुए मिशनरीज ऑफ जीसस कॉन्ग्रीगेशन की ननों के एक प्रदर्शन में भाग लिया था। बिशप फ्रांको मुलक्कल पर एक नन से बलात्कार करने का आरोप है।

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Web Title: Court denies police protection to Sister Lucy at FCC convent

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