'राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की पैरोल अर्जी का विरोध क्यों कर रही है तमिलनाडु सरकार'

By भाषा | Published: August 4, 2020 01:41 AM2020-08-04T01:41:22+5:302020-08-04T01:41:22+5:30

राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी ए.जी. पेरारीवलन की मां टी अरपुथमम ने कोर्ट में अर्जी दायर की है। उन्हाोंने अदालत से अपने बेटे का पैरोल मंजूर करने का निवेदन किया है ताकि उसका इलाज कराया जा सके। 

Court Asks Tamil Nadu govt Why Oppose Rajiv Gandhi Case Convict's Parole Plea? | 'राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की पैरोल अर्जी का विरोध क्यों कर रही है तमिलनाडु सरकार'

राजीव गांधी (फाइल फोटो)

Highlightsमद्रास हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है।मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी ए.जी. पेरारीवलन के पास पैरोल के लिए कोई वैध कारण होना चाहिए।

चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय (मद्रास हाई कोर्ट) ने सोमवार को आश्चर्य जताया कि तमिलनाडु सरकार से राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी ए.जी. पेरारीवलन की पैरोल अर्जी का विरोध क्यों कर रही है जबकि मंत्रिमंडल ने मामले के सभी सात दोषियों को रिहा करने की सिफारिश कर चुका है। न्यायमूर्ति एन. किरुबाकरण और न्यायमूर्ति वी.एम. वेलुमणि की खंड पीठ ने सरकारी वकील ए. नटराजन से कहा, ‘‘आपके मंत्रिमंडल ने पूरी तरह से उसकी रिहाई की सिफारिश की है। फिर आप उनके एक महीने की पैरोल अर्जी का विरोध क्यों कर रहे हैं। सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध नहीं कीजिए।’’

एक कैदी तीन साल के बाद ही अगला पैरोल पाने का पात्र बनता है: मद्रास हाई कोर्ट

नटराजन ने कहा कि वह सिर्फ विरोध करने के लक्ष्य से ऐसा नहीं कर रहे हैं, बल्कि आवेदक के पास पैरोल के लिए कोई वैध कारण होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वह पिछले साल भी बाहर निकले थे। जेल के नियमों के अनुसार, एक कैदी तीन साल के बाद ही अगला पैरोल पाने का पात्र बनता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा जेल के डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट लिखा है कि कैदी को कई बीमारियां हुई तो है, लेकिन फिलहाल उसका इलाज चल रहा है और उसकी हालत स्थिर है।’’ याचिकाकर्ता के वकील षणमुगसुंदरम ने कहा कि जेल नियमावली में प्रावधान है जिसके तहत राज्य कैदी को ऐसी शर्तों से छूट दे सकता है और पेरौल मंजूर कर सकता है।

मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त तक के लिए  स्थगित कर दी गई है

इस पर नटराजन ने कहा, ‘‘ ऐसी छूट तो हैं लेकिन मेडिकल आधार पर उन्हें नहीं दी जा सकती हैं। ’’ इस पर पीठ ने कहा कि यदि नियम मेडिकल आधार पर छुट्टी की मनाही करते हैं तो अब उनकी जरूरत नहीं रह गयी है। उसके बाद अदालत ने दोनों पक्षों को राजीव गांधी हत्याकांड की वृहद साजिश की जांच कर रही बहुविषयक निगरानी एजेंसी की जांच स्थिति और इस मामले पर उच्चतम न्यायालय के अंतरिम आदेश पर हलफनामा देने को कहा। पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई 12 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।

Web Title: Court Asks Tamil Nadu govt Why Oppose Rajiv Gandhi Case Convict's Parole Plea?

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