न्यायालय ने डीसीडब्ल्यू से यौन उत्पीड़न की पीड़िता को दी जाने वाली राहत के बारे में पूछा

By भाषा | Updated: September 24, 2021 20:18 IST2021-09-24T20:18:57+5:302021-09-24T20:18:57+5:30

Court asks DCW about the relief given to the victim of sexual harassment | न्यायालय ने डीसीडब्ल्यू से यौन उत्पीड़न की पीड़िता को दी जाने वाली राहत के बारे में पूछा

न्यायालय ने डीसीडब्ल्यू से यौन उत्पीड़न की पीड़िता को दी जाने वाली राहत के बारे में पूछा

नयी दिल्ली, 24 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) से पूछा कि वह 19 वर्षीय एक युवती को राहत देने के लिए क्या कदम उठाएगी जिसने आरोप लगाया है कि जब वह नाबालिग थी तब उसके पिता ने उसका यौन उत्पीड़न किया था।

शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस से यह भी बताने को कहा कि क्या उसे अंबाला स्थानांतरित किए गए मामले की जांच अपने हाथ में लेने में कोई आपत्ति है। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ युवती द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें मामले को अंबाला से दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया।

इस मामले में जुलाई में दिल्ली में एक ‘जीरो एफआईआर’ दर्ज की गई थी और बाद में इसे अंबाला स्थानांतरित कर दिया गया था। ‘जीरो एफआईआर’ किसी भी थाने में दर्ज कराई जा सकती है और फिर मामले को संबंधित थाने को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दिया जाता है जिसके अधिकार क्षेत्र में कथित अपराध हुआ था।

अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से दाखिल अपनी याचिका में युवती ने कहा है कि जब वह नाबालिग थी तब उसके पिता ने उसका यौन उत्पीड़न किया था और 2016 में उसकी मां का निधन हो गया था, परिवार में उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। याचिका में कहा गया है कि युवती 22 जुलाई को अपना घर छोड़कर अपने एक रिश्तेदार के घर गई थी और अगले दिन उसने डीसीडब्ल्यू से संपर्क किया था।

सुनवाई के दौरान डीसीडब्ल्यू की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि युवती ने 23 जुलाई को आयोग से संपर्क किया था और वे उसका पुनर्वास करने को तैयार हैं। जब वकील ने कहा कि वह फिर से आयोग से संपर्क कर सकती है, तो पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में डीसीडब्ल्यू को शिकायतकर्ता से संपर्क करना चाहिए।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता अक्षिता गोयल ने पीठ से कहा कि आरोपी को अभी तक पकड़ा नहीं गया है। हरियाणा की ओर से पेश वकील ने कहा कि युवती ने अंबाला के पुलिस अधीक्षक को एक ई-मेल भेजा था कि उसका मामला दिल्ली स्थानांतरित कर दिया जाए। पीठ ने हरियाणा के वकील से पूछा कि क्या प्राथमिकी को दिल्ली स्थानांतरित करने पर उन्हें कोई आपत्ति है। राज्य के वकील ने कहा, ‘‘हमें कोई आपत्ति नहीं है।

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Web Title: Court asks DCW about the relief given to the victim of sexual harassment

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