न्यायालय नीट में आरक्षण के केंद्र के फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत

By भाषा | Published: September 6, 2021 09:35 PM2021-09-06T21:35:49+5:302021-09-06T21:35:49+5:30

Court agrees to hear petitions against Centre's decision on reservation in NEET | न्यायालय नीट में आरक्षण के केंद्र के फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत

न्यायालय नीट में आरक्षण के केंद्र के फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत

नयी दिल्ली, छह सितंबर उच्चतम न्यायालय मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सोमवार को सहमत हो गया।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने याचिकाओं पर केंद्र और मेडिकल काउंसेलिंग कमेटी (एमसीसी) को नोटिस जारी किया और याचिकाओं को एक लंबित मामले के साथ जोड़ दिया।

याचिकाकर्ता नील ऑरेलियो नून्स और अन्य की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद पी दातार ने दलील दी कि यह निर्णय मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ है, क्योंकि इससे यह भी सवाल उठता है कि क्या क्षैतिज या ऊर्ध्वाधर आरक्षण होना चाहिए।

पीठ ने कहा कि वह नोटिस जारी करेगी और मामले को एक साथ जोड़ दिया।

एक अन्य याचिकाकर्ता यश टेकवानी तथा अन्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि पहले के एक फैसले में सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि उच्च डिग्री पाठ्यक्रमों में कोई आरक्षण नहीं होगा। पीठ ने उनसे कहा कि संबंधित मामले में वह पहले ही नोटिस जारी कर रही है। पीठ ने दो सप्ताह में प्रतिवादियों से जवाब देने को कहा।

सिंह ने कहा कि केंद्र के फैसले का असर नीट पर पड़ेगा। टेकवानी और अन्य ने अपनी याचिका में कहा है कि वे डॉक्टर हैं और उनके पास भारत के किसी विश्वविद्यालय या संस्थान द्वारा प्रदान की गई एमबीबीएस की मान्यता प्राप्त डिग्री है, जो राज्य चिकित्सा परिषद के साथ पंजीकृत है।

अधिवक्ता तन्वी दुबे के जरिए दायर याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं ने औपबंधिक / स्थायी पंजीकरण प्राप्त कर लिया है तथा वे 11 सितंबर को प्रस्तावित नीट-पीजी 2021 के अभ्यर्थी हैं।

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता और इसी तरह से प्रभावित अन्य उम्मीदवार यह जानकर हैरान हैं कि एमसीसी ने वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2021-22 से 15 प्रतिशत यूजी और 50 प्रतिशत पीजी अखिल भारतीय कोटा सीटों (एमबीबीएस/बीडीएस और एमडी/एमएस/एमडीएस) में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण और 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने का संकल्प लिया है।

याचिकाकर्ताओं ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 से आरक्षण मानदंड को लागू करने के लिए एमसीसी द्वारा जारी 29 जुलाई के नोटिस को रद्द करने का अनुरोध किया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Court agrees to hear petitions against Centre's decision on reservation in NEET

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे