अदालत ने नगर निगम अधिकारियों पर हमला करने के मामले में आरोपी दो दुकानदारों को किया बरी

By भाषा | Published: September 3, 2021 11:55 AM2021-09-03T11:55:52+5:302021-09-03T11:55:52+5:30

Court acquits two shopkeepers accused of attacking municipal officials | अदालत ने नगर निगम अधिकारियों पर हमला करने के मामले में आरोपी दो दुकानदारों को किया बरी

अदालत ने नगर निगम अधिकारियों पर हमला करने के मामले में आरोपी दो दुकानदारों को किया बरी

महाराष्ट्र के ठाणे की एक अदालत ने नवी मुंबई के उन दो दुकानदारों को बरी कर दिया, जिन पर 2016 में स्थानीय निकाय अधिकारियों के साथ मारपीट करने और उन्हें उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने का आरोप लगा था। जिला न्यायाधीश पीएम गुप्ता ने पिछले सप्ताह यह आदेश सुनाया था, जिसकी प्रति शुक्रवार को साझा की गई। न्यायाधीश गुप्ता ने कहा कि अभियोजन पक्ष के लोग आरोपी भगवान पांडुरंग ढकने और बालचंद्र सोपान नलवाडे के खिलाफ अपराध साबित करने में नाकाम रहे हैं। इन दोनों की नेरुल में ‘हवारे सेंचुरियन मॉल’ में दुकानें हैं। इन दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था। अतिरिक्त लोक अभियोजक एसएम दांडेकर ने अदालत को बताया कि आरोपियों सहित नेरुल में ‘हवारे सेंचुरियन मॉल’ के कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानों में अवैध निर्माण किया था, जिसे नवी मुंबई नगर निगम (एनएमएमसी) के नोटिस जारी करने के बाद भी गिराया नहीं गया। पांच जुलाई 2016 को नगर निगम के अधिकारी अवैध निर्माण को गिराने पहुंचे तो आरोपियों ने उन्हें उनका काम करने से रोका और उनके साथ हाथापाई की। एनएमएमसी के खंड अधिकारी सुभाष दादू अडागले ने अपनी शिकायत में कहा था कि दुकानदारों के इस कृत्य के कारण अधिकारियों के लिए अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करना संभव नहीं था। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों के अनुसार, यह स्पष्ट है कि आरोपी लोगों द्वारा कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए किसी भी आपराधिक बल (ऐसा कृत्य जो अपराध के दायरे में आए) का प्रयोग नहीं किया गया था। घटना के दिन, बंबई उच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित किया था और सभी पक्षों को मॉल में निर्माण के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। उस समय, दुकान के मालिकों ने अधिकारियों को न्यायालय के आदेश के बारे में सूचित किया था और उनसे कोई कार्रवाई शुरू नहीं करने का अनुरोध किया था। इसलिए, अधिकारियों को कार्रवाई स्थगित करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने उनके अनुरोध पर कोई ध्यान नहीं दिया। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा कि पांच जुलाई 2016 को आरोपियों ने अधिकारी पर हमला किया या उनके खिलाफ आपराधिक बल का इस्तेमाल किया, जब वह एक लोक सेवक के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे थे। आरोपी लोगों के अपराध को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Court acquits two shopkeepers accused of attacking municipal officials

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे