देश में ‘एक्सप्रेसवे पर पथ कर के जनक' हैं, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में कहा
By भाषा | Published: August 4, 2022 04:12 PM2022-08-04T16:12:15+5:302022-08-04T16:14:28+5:30
नितिन गडकरी 1995 से 1999 के बीच महाराष्ट्र सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री थे और उनके कार्यकाल के दौरान अपनी तरह की पहली मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे परियोजना लागू की गई थी।
नई दिल्लीः सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वह देश में ‘एक्सप्रेसवे पर पथ कर के जनक' हैं क्योंकि उन्होंने ही 1990 के दशक में इस तरह की पहली सड़क बनाई थी, जब वह महाराष्ट्र में मंत्री थे। गडकरी ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान टोल से जुड़े पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह टिप्पणी की।
सदस्यों ने शहर की सीमा के भीतर एक्सप्रेसवे पर टोल बूथ स्थापित करने पर चिंता जताते हुए कहा था कि इस वजह से स्थानीय लोगों को शहर के भीतर यात्रा करने पर भी टोल का भुगतान करना पड़ता है। उन्होंने सदस्यों को आश्वासन दिया कि इस समस्या को दूर किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि समस्या पिछली संप्रग सरकार के दौरान उत्पन्न हुई थी।
गडकरी ने कहा, "सौभाग्य से या दुर्भाग्य से, मैं इस टोल का जनक हूं क्योंकि देश में पहली बार मैंने टोल प्रणाली शुरू की थी और महाराष्ट्र के ठाणे में बीओटी (निर्माण-संचालन-हस्तांतरण) की पहली परियोजना कार्यान्वित हुई थी।" गडकरी 1995 से 1999 के बीच महाराष्ट्र सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री थे और उनके कार्यकाल के दौरान अपनी तरह की पहली मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे परियोजना लागू की गई थी।
2024 तक 26 ग्रीन एक्सप्रेसवे बनेंगे, भारत सड़कों के मामले में अमेरिका के बराबर होगा: गडकरी
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वर्ष 2024 से पहले देश में 26 ग्रीन एक्सप्रेसवे तैयार हो जाएंगे और भारत सड़कों के मामले में अमेरिका के बराबर होगा। इसके साथ ही गडकरी ने कहा कि आने वाले दिनों में टोल शुल्क वसूलने के लिए प्रोद्यौगिकी के इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अब तक टोल नहीं देने पर सजा का प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि टोल के संबंध में एक विधेयक लाने की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि टोल वसूलने के लिए दो विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। उनके मुताबिक पहला विकल्प कारों में ‘जीपीएस’ प्रणाली लगाने से संबंधित है जबकि दूसरा विकल्प आधुनिक नंबर प्लेट से संबंधित है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से नए नंबर प्लेट पर जोर दिया जा रहा है। गडकरी ने कहा कि अगले एक महीने में कोई एक विकल्प चुन लिए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि नयी व्यवस्था लागू होने पर टोल बूथ पर कोई भीड़ नहीं होगी और यातायात भी प्रभावित नहीं होगा। गडकरी राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि 2024 से पहले देश में 26 ग्रीन एक्सप्रेसवे शुरू कर दिये जायेंगे, जिससे सड़क के मामले में भारत अमेरिका के बराबर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नयी सड़कों के बन जाने से कई शहरों के बीच की दूरी कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी अगर कोई व्यक्ति टोल रोड पर 10 किलोमीटर की दूरी भी तय करता है तो उसे 75 किलोमीटर का शुल्क देना पड़ता है लेकिन नयी व्यवस्था में उतनी दूरी का ही शुल्क लिया जाएगा जितनी दूरी तय की गई होगी।
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) वित्तीय संकट से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि एनएचएआई की हालत बिल्कुल ठीक है और उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दो बैंकों ने कम दर पर ऋण देने की पेशकश की।