भ्रष्टाचार का मामलाः चंडीगढ़ में हूं, जल्द ही मुंबई आऊंगा, जांच में सहयोग करूंगा, पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने तोड़ी चुप्पी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 24, 2021 08:38 PM2021-11-24T20:38:48+5:302021-11-24T20:39:51+5:30
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और धनशोधन से जुड़े आरोपों की अलग-अलग जांच कर रहे हैं।
चंडीगढ़ः मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने बुधवार को कहा कि वह चंडीगढ़ में हैं और जल्द ही मुंबई आएंगे। सिंह को मुंबई की एक अदालत ने '' भगोड़ा '' घोषित किया है।
महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कई मामलों का सामना कर रहे आईपीएस अधिकारी ने समाचार चैनलों को बताया कि वह चंडीगढ़ में हैं। पत्रकार ने जब सिंह से पूछा कि क्या वह (पुलिस या अदालत के समक्ष) आत्मसमर्पण करेंगे तो उन्होंने कहा कि उन्होंने अगले कदम को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।
सिंह बुधवार शाम सोशल मीडिया ऐप 'टेलीग्राम' पर सामने आए, लेकिन बाद में उन्होंने अपना अकाउंट डिलीट कर दिया। मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से स्थानांतरण और महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सिंह इस साल मई से काम पर नहीं आए हैं।
मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे ने बुधवार को महाराष्ट्र के एक जांच आयोग को बताया कि उन्हें उन मामलों में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह से ‘‘उचित माध्यम’’ से निर्देश मिलते थे, जिन्हें वह देख रहे थे। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे आयोग के समक्ष वाजे से जिरह हो रही है।
इस साल मार्च में, महाराष्ट्र सरकार ने देशमुख (71) के खिलाफ सिंह के आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल का एक सदस्यीय आयोग गठित किया था। बुधवार को, तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांदे की ओर से पेश वकील शेखर जगताप ने वाजे से जिरह की।
अतिरिक्त कलेक्टर रैंक के अधिकारी पलांदे वर्तमान में देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित धनशोधन मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। सिंह ने फरवरी के मध्य में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में और उसके बाद दावा किया कि देशमुख ने वाजे को अपने आधिकारिक आवास पर बुलाया था।
सिंह ने कहा था कि उस समय तत्कालीन गृह मंत्री के निजी सचिव (पलांदे) सहित एक या दो कर्मचारी भी मौजूद थे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह पलांदे को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं, वाजे ने ‘नहीं’ में जवाब दिया और कहा कि वह उन्हें केवल देशमुख के सहयोगी के रूप में जानते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या पलांदे ने कभी कोई मांग की या उन्हें पैसे से संबंधित कुछ भी बताया, वाजे ने ‘नहीं’ में जवाब दिया। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, वाजे ने आयोग को बताया कि व्यक्तिगत रूप से वह केवल एक मामले की जांच कर रहे थे।