कोरोना वायरस अटैक के नतीजे में लाॅकडाउन के कारण जिन कामधंधों को तगड़ा झटका लगा है, उनमें ब्यूटी पार्लर भी है.
लाॅकडाउन ने तो इस बिजनेस का ही मेकअप धो डाला है और आगे कुछ चमत्कार हो जाएगा, ऐसा भी नहीं लग रहा है.
इन कुछ वर्षों में इस इंडस्ट्री ने स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया है और लोगों के मन से इंफेक्शन का डर भी खत्म किया है, लेकिन कोरोना ने एक बार फिर ब्यूटी इंडस्ट्री के समक्ष बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. यही वजह है कि अब बड़ा सवाल यह है कि- ब्यूटी पार्लर का मनी मेकअप कौन करेगा?
इस इंडस्ट्री पर जो आर्थिक संकट के बादल छा रहे हैं, उन्हें कौन दूर करेगा?
ब्यूटी इंडस्ट्री के विभिन्न संगठनों पर यह जिम्मेदारी आ गई है कि वे अपने संगठन के सदस्यों को ऐसे समय में रास्ता दिखाएं, नए और संक्रमणमुक्त प्रोडक्ट की शृंखला तैयार करें और उपभोक्ताओं को भी विश्वास दिलाएं कि ऐसे प्रोडक्ट से उनके जीवन की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है.
क्योंकि अब लंबे समय तक शादीब्याह, इवेंट, फिल्मों की शूटिंग, जैसे ग्लैमरस कार्यक्रमों का अभाव रहेगा इसलिए मेकअप की डिमांड भी कम ही रहेगी. जाहिर है, काफी समय तक ब्रेक इवन पॉइंट तक पहुंचना भी संभव नहीं हो पाएगा.
विभिन्न संगठनों को आनेवाले समय में इस व्यवसाय की समस्याओं के मद्देनजर कुछ समाधान तलाशने चाहिएं और सरकार की भी जिम्मेदारी है कि इस व्यवसाय से जुड़े विशेषज्ञों से चर्चा करके इनके लिए आर्थिक पैकेज तैयार करे.