मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई. मौत होने के बाद जब प्रशासन ने सारा इंतजाम कर उनके बेटे को अंतिम संस्कार के लिए बुलाया तो बेटे ने कोरोना के डर से आने से मना कर दिया. बेटे ने कहा कि प्रशासन ही अंतिम संस्कार कर दे.
मध्य प्रदेश के शुजालपुर निवासी स्वर्गीय प्रेम सिंह मेवाड़ा की कोरोना पाजिटिव होने से मृत्यु हो गई थी. उनके बेटे संदीप मेवाड़ा और परिवार वालों ने मृतक की शव लेने से मना कर दिया. अन्य कोई भी व्यक्ति भी शव उठाने और अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं था. ऐसे में तहसीलदार बैरागढ़ गुलाब सिंह बघेल ने कोरोना संक्रमित मरीज स्वर्गीय प्रेम सिंह मेवाड़ा का मानवता के नाते अंतिम संस्कार कर सच्चा उदाहरण पेश किया.
विगत 2 दिन से प्रेम सिंह मेवाड़ा का शव मर्चुरी में रखा था. उनके परिवार ने शव लेने से मना किया और जिला प्रशासन द्वारा ही अंतिम संस्कार कराने के लिए दबाब बनता रहा. उन्होंने अंतिम समय तक शव को लेने से मना कर दिया, जबकि जिला प्रशासन ने कोरोना प्रोटोकाल के अनुसार सारी व्यवस्थाएं कर दी थीं.
पीपीई किट, सेनेटाइजर, ग्लब्स आदि देने के बाद भी मृतक के पुत्र संदीप मेवाड़ा ने मुखाग्नि देने से मना कर दिया, इस निर्णय में मृतक की पत्नी और उनके साले भी साथ थे. इसके बाद सब व्यवस्था होने के बाद जब परिवार ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया तो तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल ने मृतक को मुखाग्नि देकर मानवता की मिसाल पेश की. कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने तहसीलदार को शाबासी दी और उनके इस उत्तम कार्य के लिए प्रशंसा की.