Coronavirus Outbreak Updates: सेंसेक्स 2,713 अंक लुढ़का, निवेशकों को लगी 7.62 लाख करोड़ रुपये की चपत
By भाषा | Published: March 16, 2020 07:55 PM2020-03-16T19:55:06+5:302020-03-16T19:55:06+5:30
यह दूसरा मौका है जब अंकों के आधार पर सेंसेक्स में इतनी बड़ी गिरावट आयी है। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 7,62,290.23 करोड़ रुपये घटकर 1,21,63,952.59 करोड़ रुपये पहुंच गया। सेंसेक्स में शामिल सभी शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी।
नई दिल्लीः शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट के कारण निवेशकों को 7.62 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी। कोरोना वायरस को लेकर जारी चिंता के बीच तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 2,713.41 अंक यानी 7.96 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31,390.07 अंक पर बंद हुआ।
यह दूसरा मौका है जब अंकों के आधार पर सेंसेक्स में इतनी बड़ी गिरावट आयी है। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 7,62,290.23 करोड़ रुपये घटकर 1,21,63,952.59 करोड़ रुपये पहुंच गया। सेंसेक्स में शामिल सभी शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी।
सर्वाधिक नुकसान इंडसइंड बैंक को हुआ जो 17.50 प्रतिशत नीचे आया। उसके बाद क्रमश: टाटा स्टील (11.02 प्रतिशत), एचडीएफसी (10.94 प्रतिशत), एक्सिस बैंक (10.38 प्रतिशत) तथा आईसीआईसीआई बैंक (9.96 प्रतिशत) का स्थान रहा। बीएसई में 2,047 शेयरों में गिरावट रही जबकि 411 में तेजी जबकि 160 में कोई बदलाव नहीं हुआ। कुल 478 कंपनियां 52 सप्ताह के न्यूनतम स्तर तक चला गया।
चौतरफा बिकवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को 2,713 अंक का गोता लगा गया। यह दूसरा मौका है जब अंकों के आधार पर सेंसेक्स में इतनी बड़ी गिरावट आयी है। कोरोना वायरस माहामारी की चिंता में एशिया के अन्य बाजारों में गिरावट के साथ घरेलू बाजार में भी गिरावट रही। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 2,713.41 अंक यानी 7.96 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31,390.07 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 757.80 अंक यानी 7.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 9,197.40 अंक पर बंद हुआ। अंकों के आधार पर सेंसेक्स में यह एक दिन में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले, 12 मार्च को सेंसेक्स ओर निफ्टी क्रमश: 2,919.26 अंक तथा 868.25 अंक टूटे थे। चीन में कारखाना उत्पादन और खुदरा बिक्री आंकड़ा कमजोर रहने के बाद एशियाई बाजारों में जोरदार गिरावट आयी है। इससे आशंका बढ़ी है कि कोरोना वायरस के कारण आर्थिक नरमी आ सकती है।
इस बीच, अमेरिकी फेडरल रिजर्च बैंक ने हाल-फिलहाल दूसरी बार नीतिगत दर में कटौती की और उसके बाद यह 0 से 0.25 प्रतिशत के दायरे में आ गई है। वर्ष 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के समय नीतिगत दर का यही स्तर था। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के संवाददाता सम्मेलन बुलाये जाने की खबर से बाजार में नीतिगत दर में कटौती को लेकर अटकलें थी। हालांकि, संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने तीन अप्रैल को अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती के संकेत दिये। उन्होंने नकदी बढ़ाने के उपायों की भी घोषणा की। सेंसेक्स में सभी शेयर नुकसान में रहे।
सर्वाधिक नुकसान इंडसइंड बैंक को हुआ जो 17.50 प्रतिशत नीचे आया। उसके बाद क्रमश: टाटा स्टील (11.02 प्रतिशत), एचडीएफसी (10.94 प्रतिशत), एक्सिस बैंक (10.38 प्रतिशत) तथा आईसीआईसीआई बैंक (9.96 प्रतिशत) का स्थान रहा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा प्रमुख ब्याज दरों में कटौती और अन्य उपायों को देखते हुए ऐसा समझा जा रहा है कि कोरोना वायरस का प्रभाव कहीं व्यापक है।