दिल्ली लॉकडाउनः शाहीन बाग में धरने पर बैठी महिलाएं धीरे-धीरे हुईं गायब, धरनास्थल पर पसरा सन्नाटा
By रामदीप मिश्रा | Published: March 23, 2020 07:40 AM2020-03-23T07:40:43+5:302020-03-23T07:40:43+5:30
CAA के खिलाफ महिलाओं की अगुवाई वाले शाहीन बाग के धरने को 100 दिन होने वाले हैं। धरने में महिलाएं और बच्चे शामिल थे। यहां संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ 15 दिसंबर से धरना जारी है।
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार ने सोमवार (23 मार्च) से राजधानी को लॉकडाउन कर दिया है। आज सुबह छह बजे दिल्ली लॉकडाउन हो गई है। यहां स्थानीय स्तर पर कोरोना वायरस के संक्रमण के छह मामले सामने आने के बाद कड़े कदम उठाए गए हैं। इस बीच संशोधित नागरिकता कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NPR) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NRC) के खिलाफ शाहीन बाग में धरने पर बैठी महिलाओं की संख्या कम हो रही है और सन्नाटा पसरने लगा है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि धरनास्थल पर एक-दो ही लोग नजर आ रहे हैं और तख्त बैंचें खाली पड़ी हुई है। दरअसल, सोमवार को, दिल्ली सरकार ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 50 से अधिक लोगों वाले समारोहों की अनुमति नहीं है, जिसकी संख्या घटाकर अब 20 कर दी गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था, 'यह शाहीन बाग पर भी लागू होता है।'
बीते दिन धरनास्थल के पास एक अज्ञात व्यक्ति ने पेट्रोल बम फेंक दिया। पुलिस ने यह जानकारी दी थी। पुलिस ने बताया था कि घटना सुबह करीब 9.30 बजे सुबह हुई थी। पुलिस को घटनास्थल पर पेट्रोल से भरी करीब पांच-छह बोतलें मिली थीं।
Delhi: Number of anti-CAA protesters at Shaheen Bagh has reduced significantly amid lockdown announced in the state in view of #Coronavirus till 31st March and the 'Janta Curfew' that was observed yesterday. pic.twitter.com/6fN1q2w5FK
— ANI (@ANI) March 23, 2020
CAA के खिलाफ महिलाओं की अगुवाई वाले शाहीन बाग के धरने को 100 दिन होने वाले हैं। धरने में महिलाएं और बच्चे शामिल थे। यहां संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ 15 दिसंबर से धरना जारी है।
इधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की कि 23 मार्च को सुबह छह बजे से राजधानी लॉकडाउन में रहेगी और यहां स्थानीय स्तर पर कोरोना वायरस के संक्रमण के छह मामले सामने आने के बाद कड़े कदम उठाने होंगे। उन्होंने उप राज्यपाल अनिल बैजल के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में बताया कि लॉकडाउन 31 मार्च को अर्द्धरात्रि तक चलेगा।
केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन में सार्वजनिक परिवहन का कोई साधन नहीं चलेगा और दिल्ली की सीमाओं को सील कर दिया जाएगा, लेकिन स्वास्थ्य, खानपान, जल और विद्युत आपूर्ति आदि से संबंधित आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को गतंव्य तक पहुंचाने के लिए डीटीसी की 25 प्रतिशत बसें चलेंगी।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित किया जा रहा है। केजरीवाल के अनुसार दुग्ध उत्पाद की दुकानें, किराना दुकानें, दवा की दुकानें और पेट्रोल पंप खुले रहेंगे, वहीं जरूरी सेवाओं से जुड़े सभी लोगों को इस दौरान आवागमन की अनुमति दी जाएगी।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दिल्ली में कोविड-19 के कुल 27 मामले सामने आये हैं जिनमें से छह स्थानीय स्तर पर एक व्यक्ति से दूसरे में संक्रमण के हैं, वहीं 21 मामले विदेशों से आये लोगों के हैं। केजरीवाल ने कहा कि पांच से ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत नहीं होगी और लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जो लोग जरूरी चीजों के लिए घरों से बाहर निकलते हैं उनकी बात पर भरोसा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र के दफ्तरों को लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को वेतन देना होगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को काम पर माना जाएगा और कंपनियां पगार नहीं काटेंगी।