मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के बाद अब पुलिस विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है. पुलिस के आला अधिकारियों और कर्मचारियों को संक्रमित होता देख पुलिस मुख्यालय को 26 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया है.
प्रदेश में तेजी से कोरोना का संक्रमण फैल रहा है. बड़ी संख्या में पुलिसवाले भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं, जिसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को 26 अप्रैल तक घर से काम करने को कहा है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशासन अजय कुमार शर्मा ने कहा कि अगर बहुत आवश्यक ना हो तो अधिकारी कर्मचारी पुलिस मुख्यालय ना जाएं, जो अधिकारी आते हैं वह स्टाफ के बहुत कम लोगों को कार्यालय पर बुलाए. अधिकारी कर्मचारी को ई-मेल के जरिए कार्य करने को कहा गया है और संभव हो तो घर पर ही बैठकर कार्य करें. आदेश में साफ कहा गया है कि इस दौरान अधिकारी और कर्मचारी अपने घरों पर फोन, मोबाइल पर उपलब्ध रहेंगे.
राजधानी के तलैया थाने में पदस्थ एक आरक्षक और कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया. आज बुधवार सुबह इसकी टेस्ट रिपोर्ट आ गई है. तलैया थाना इलाके स्थित सुल्तानिया अस्पताल से लेकर बुधवारा चारबत्ती चौराहा तक कई लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए है इस कारण इस क्षेत्र को कंटेनमेंट कर दिया गया है. आरक्षक की रिपोर्ट आज पाजिटिव आने के बाद थाने में पदस्थ पुलिसकर्मियों और आरक्षकों हड़कंप मच गया है.
गौरतलब है कि राजधानी भोपाल में अब तक 29 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. आंकड़ों के अनुसार 29 में से तीन पुलिसकर्मी स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, जबकि 26 पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है. इनमें एक सीएसपी रैंक के अधिकारी भी शामिल है. राजधानी में सबसे पहले ऐशबाग थाने के एक कांस्टेबल में संक्रमण हुआ था, उसके बाद धीरे-धीरे 29 पुलिसकर्मियों में संक्रमण होता गया.
यहां उल्लेखनीय है कि राजधानी में मंगलवार को 29 नए कोरोना पाजिटिव मरीज मिले हैं. इसमें गांधी मेडिकल कालेज की दो जूनियर डाक्टर, मेट्रो रूप का काम कर रही दिलीप बिल्डकान कम्पनी के छह कर्मचारी और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो डीजी का ड्राइवर व उनका बेटा, तीन जमाती और 8 पुलिसकर्मी व अन्य व्यक्ति शामिल है. रिपोर्ट आने के बाद ईओडब्ल्यू का कार्यालय सील कर दिया गया. इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय को भी 26 अप्रैल तक के लिए बंद किया गया है.
पहले कंटेनमेंट क्षेत्र को घोषित किया ग्रीन जोन
राजधानी के पहले कंटेनमेंंट क्षेत्र प्रोफेसर कालोनी का प्रशासन ने अब कोरोना फ्री जो घोषित कर दिया है. प्रशासन के इस फैसले के बाद अब यह क्षेत्र ग्रीन जोन में शामिल हो गया है. अब यहां लोगों के लिए कुछ छूट मिल जाएगी. अब भोपाल की प्रोफेसर कॉलोनी में भी अन्य कॉलोनियों की तरह आवाजाही पर कोई रोक नहीं होगी. इसके साथ ही लोग अब राशन और सब्जी जैसी जरूरत के सामान के लिए घरों से बाहर जा सकेंगे. 28 दिन के बाद इस इलाके को खोला गया है.
दरअसल, राजधानी भोपाल की प्रोफेसर कालोनी वह इलाका है जहां सबसे पहले कोरोना वायरस का मरीज मिला था. लंदन से आई एक युवती को कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी. इसके बाद युवती के संपर्क में आने से पत्रकार पिता को भी कोरोना संक्रमण हो गया था. क्षेत्र में कोरोना मरीज की पुष्टि होने के बाद एहतियात के तौर पर इस इलाके को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया था. लगभग दो सप्ताह पहले ही दोनों लोग कोरोना की जंग जीतकर सकुशल घर आ चुके हैं. मरीजों के ठीक होने के बावजूद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर प्रोफेसर कालोनी को कंटोनमेंट जोन बनाए रखा था. 28 दिन में जब कोई अन्य कोरोना मरीज नहीं मिला तो, अब इसे फ्री जोन घोषित कर दिया गया है.