कोविड-19ः घबराएं नहीं, विशेषज्ञों ने कहा-सामाजिक दूरी के निर्देशों का पालन करें भेदभाव नहीं, आत्महत्या के केस बढ़े

By भाषा | Published: August 13, 2020 05:33 PM2020-08-13T17:33:07+5:302020-08-13T17:33:07+5:30

प्रसिद्ध चिकित्सक और एसोसिएशन ऑफ सर्जन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पी रघु राम ने कहा कि कोविड​​-19 से जुड़ा सामाजिक पूर्वाग्रह वास्तव में एक बड़ी चुनौती है। इस वायरस से जुड़े डर और चिंता के साथ, लोगों में बहुत सी गलतफहमियां, आपसी दुश्मनी इत्यादि पैदा होने की आशंका है।

Coronavirus lockdown covid-19 Do not panic experts follow directions social distance not discrimination cases of suicide increased | कोविड-19ः घबराएं नहीं, विशेषज्ञों ने कहा-सामाजिक दूरी के निर्देशों का पालन करें भेदभाव नहीं, आत्महत्या के केस बढ़े

मध्यम या गंभीर लक्षण वाले लोगों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

Highlightsहमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कोविड-19 किसी को भी प्रभावित कर सकता है। डरने के बजाय, हमें इसकी रोकथाम के लिए पर्याप्त निवारक कदम उठाने चाहिए।अपने हाथों को धोते रहना चाहिए और सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना चाहिए।

हैदराबादः कोविड-19 से जूझ रहा तेलंगाना प्रशासन इस महामारी को लेकर सामाजिक भेदभाव को भी खत्म करने का प्रयास कर रहा है। संक्रमित होकर सामाजिक रूप से बहिष्कृत होने की आशंका से कई आत्महत्या के भी मामले सामने आए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की आशंका को पूरी तरह से खत्म करना बड़ी चुनौती है क्योंकि यह वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है और इस डर से लोग अत्याधिक संवेदनशील हो गए हैं। डॉक्टरों ने कहा कि घबराकर पागलपन में कोई कदम उठाने के बजाय संक्रमण की पुष्टि होने पर आवश्यक एहतियात बरतने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

तेलंगाना में पिछले कुछ हफ्तों में संक्रमित पाए जाने या जांच के पहले ही आत्महत्या करने वाले कुछ व्यक्तियों के मन में बैठे डर को लेकर डॉक्टर इन सलाहों को महत्वपूर्ण मानते हैं। मंगलवार को करीमनगर के एक 60 वर्षीय व्यक्ति ने एक निजी अस्पताल में अपने कमरे के वॉशरूम में फांसी लगा ली। वह अपने परिजनों के साथ कोविड-19 का इलाज करा रहा था और इसे लेकर काफी दहशत में था।

इसके अलावा कई मकान मालिक किरायेदारों को संक्रमित पाए जाने के बाद घर खाली करने को कह रहे हैं तो कई गांवो में निवासियों ने संक्रमित लोगों को गांवों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी है। कोविड​​-19 से उबर चुके राज्य के उस्मानिया जनरल अस्पताल (ओजीएच) के अधीक्षक डॉ बी नागेन्द्र ने कहा कि संक्रमण से ठीक होने की दर अधिक है और लोगों को वायरस से डरने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने पीटीआई-भषा को बताया,‘संक्रमित पाए जाने के बाद थोड़ा डर तो होगा ही। लेकिन यदि आप साहस बनाए रखते हैं, तो हालत में सुधार जल्दी होगा। जब तक कि बुढ़ापे, अनियंत्रित मधुमेह, उच्च रक्तचाप ..इत्यादि जैसी समस्यायें नहीं हैं बहुत से लोग ठीक हो रहे हैं। ये समस्यायें ना हों तो यह वायरल बुखार की तरह है ... यदि यह हल्का है तो घर से भी इसका इलाज किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि मध्यम या गंभीर लक्षण वाले लोगों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

प्रसिद्ध चिकित्सक और एसोसिएशन ऑफ सर्जन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पी रघु राम ने कहा कि कोविड​​-19 से जुड़ा सामाजिक पूर्वाग्रह वास्तव में एक बड़ी चुनौती है। इस वायरस से जुड़े डर और चिंता के साथ, लोगों में बहुत सी गलतफहमियां, आपसी दुश्मनी इत्यादि पैदा होने की आशंका है।

उन्होंने कहा, ‘हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कोविड-19 किसी को भी प्रभावित कर सकता है। डरने के बजाय, हमें इसकी रोकथाम के लिए पर्याप्त निवारक कदम उठाने चाहिए। अपने हाथों को धोते रहना चाहिए और सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना चाहिए।’ 

Web Title: Coronavirus lockdown covid-19 Do not panic experts follow directions social distance not discrimination cases of suicide increased

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