Coronavirus Outbreak Updates: हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा- कोरोना निदान के लिए अतिरिक्त प्रयोगशाला शुरू करे

By डॉ. आशीष दुबे | Published: March 18, 2020 09:08 PM2020-03-18T21:08:54+5:302020-03-18T21:08:54+5:30

वायरस के चपेट में आए रोगियों की बढ़ती संख्या व निदान के लिए आवश्यक वायरल रिसर्च डायग्नोस्टिक लेबॉटेरी विदर्भ में केवल नागपुर के इंदिरा गांधी शासकीय मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में ही है. इस लेबॉरेटरी पर विदर्भ के अलावा तेलंगाना, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश के रोगियों का भी भार है. इस पर गौर करते हुए हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया.

Coronavirus High Court asks Maharashtra government to start additional lab for corona diagnosis | Coronavirus Outbreak Updates: हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा- कोरोना निदान के लिए अतिरिक्त प्रयोगशाला शुरू करे

न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे व न्यायमूर्ति अविनाश घरोटे की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई.

Highlightsहाईकोर्ट का राज्य सरकार को आदेश, सरकारी उपाय योजनाओं पर असमाधान व्यक्त किया।विदर्भ के सरकारी अस्पतालों के विकास के संबंध में सी.एच.शर्मा व अन्य की जनहित याचिका हाईकोर्ट में लंबित है.

नागपुरः बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने बुधवार को राज्य सरकार को आदेश दिया कि नागपुर के मेडिकल अस्पताल समेत यवतमाल, अकोला व चंद्रपुर स्थित शासकीय मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भी लेबॉटरी शुरू की जाए.

कोरोना वायरस के चपेट में आए रोगियों की बढ़ती संख्या व निदान के लिए आवश्यक वायरल रिसर्च डायग्नोस्टिक लेबॉटेरी विदर्भ में केवल नागपुर के इंदिरा गांधी शासकीय मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में ही है. इस लेबॉरेटरी पर विदर्भ के अलावा तेलंगाना, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश के रोगियों का भी भार है. इस पर गौर करते हुए हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया.

विदर्भ के सरकारी अस्पतालों के विकास के संबंध में सी.एच.शर्मा व अन्य की जनहित याचिका हाईकोर्ट में लंबित है. इस पर न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे व न्यायमूर्ति अविनाश घरोटे की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. इस दौरान मामले में न्यायालयीन मित्र अधिवक्ता अनुप गिल्डा ने कोरोना वायरस के संक्रमण की ओर न्यायालय का ध्यानाकर्षित किया.

साथ ही दलील दी कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी उपाय करना जरूरी है. उन्होंने अखबारों में प्रकाशित खबरों के आधार पर सरकारी मशीनरी की खामियों की जानकारी दी. इसके बाद न्यायालय ने पूरे मामले पर गौर करते हुए सरकारी उपाय योजना पर असमाधान व्यक्त किया.

हाईकोर्ट ने राय व्यक्त करते हुए कहा

न्यायालय ने आदेश देने से पहले राय व्यक्त की कि मामले में सरकार को समय-समय पर आवश्यक आदेश दिए गए है. बावजूद इसके कोरोना जैसी नई चुनौतियों का सामना करने के लिए सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. विदर्भ में कोरोना के रोगी बढ़ रहे है. लेकिन इसके लिए सरकारी व निजी अस्पतालों में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं है.

कोरोना रोगियों के लिए सभी सुविधा युक्त स्वतंत्र वार्ड स्वास्थवर्धक वातावरण में नहीं है. वार्डों में स्वच्छता नहीं रखी जाती. जिससे कुछ संदिग्ध कोरोना के रोगी वार्ड से भाग गए थे. अब उन्हें पकड़कर दोबारा वार्ड में भर्ती किया गया है. लेकिन ऐसा करने से उन्हें व दूसरे रोगी रोग के चपेट में नहीं आना चाहिए.

अखबारों में खबरें प्रकाशित हुई है किकोरोना के संदिग्ध रोगियों को निगरानी में रखने के लिए विधायक निवास में व्यवस्था की गई है. लेकिन समाज के संपर्क में रहे व कार्यालयीन कामकाज कर सके इसके लिए उन्हें इंटरनेट की सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है.

न्यायालय ने यह भी डर व्यक्त किया कि इस तरह के हालात से रोगियों की मानसिकता पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. न्यायालय ने अखबारों में छपी खबरों का हवाला देते हुए कहा कि खबरों के मुताबिक विधायक निवास में नियुक्त कर्मचारी प्रशिक्षित नहीं है. उन्हें आवश्यक सुरक्षा साधन नहीं किए गए है.

सरकारी विभाग आपस में झगड़े नहीं

न्यायालय ने कहा कि खुद ऐसी खबरें प्रकाशित हुई है कि सरकारी विभागों में आपसी सामंजस नहीं है. वे एक दूसरे पर जिम्मेदारी ढकेलने का प्रयास कर रहे है. ऐसा नहीं होना चाहिए. न्यायालय ने राय व्यक्त की कि सरकारी विभागों को सामने आने वाली समस्याओं को सामंजस से हल करना चाहिए.

कोरोना पर नई जनहित याचिका

नरेंद्र नगर के कारोबारी सुभाष झवर ने कोरोना वायरस पर प्रभावी उपाय योजना हो इसके लिए जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि 14 मार्च तक विश्व के 130 देशों में 1 लाख 55 हजार नागरिक कोरोना वायरस की चपेट में आए थे. इसमें 5 हजार 800 से अधिक रोगी पाए गए.

नागपुर में अब तक चार रोगी पाजिटिव पाए गए है. याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि प्रत्येक जिले में डिजास्टर रिकवरी टॉस्क फोर्स कार्यंवित किया जाए. यह तय किया जाए कि संदिग्ध रोगी स्वास्थ अधिकारियों की निगरानी में रहेगे आदि की व्यवस्था की जाए.

दोनों याचिकाओं पर 23 मार्च सुनवाई

झवर की याचिका में हाईकोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ विभाग के सचिव, राज्य के स्वास्थ विभाग के सचिव, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (मेयो), जिलाधिकारी, मनपा आयुक्त व पुलिस आयुक्त को नोटीस जारी कर जवाब मांगा है. दोनों मामलों पर 23 मार्च को अगली सुनवाई होगी.


 

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