Coronavirus: बिहार के कारण बदलनी पड़ी केंद्र को कोविड-19 की परीक्षण नीति, राज्य में प्रति 10 लाख में केवल 281 का हो रहा है टेस्ट

By हरीश गुप्ता | Published: May 11, 2020 07:31 AM2020-05-11T07:31:09+5:302020-05-11T07:31:28+5:30

Coronavirus: बिहार में अब तक 650 के करीब कोरोना के मामले सामने आए हैं। हालांकि, जानकार बताते हैं कई राज्यों में कम मामलों के पीछे इन राज्यों में हो रहे कम टेस्ट एक बड़ी वजह हो सकते हैं।

Coronavirus: Center change covid 19 test policy due to Bihar where only 281 are being tested per 10 lakhs | Coronavirus: बिहार के कारण बदलनी पड़ी केंद्र को कोविड-19 की परीक्षण नीति, राज्य में प्रति 10 लाख में केवल 281 का हो रहा है टेस्ट

बिहार में प्रति 10 लाख में केवल 281 का हो रहा है कोरोना टेस्ट (फाइल फोटो)

Highlightsकेंद्र की नई नीति के तहत बड़ी संख्या में कोरोना के रैंडम परीक्षण करने का आदेशबिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा जैसे राज्यों में टेस्ट को बढ़ाने पर जोर

बिहार सरकार की कोविड-19 परीक्षण में चिंताजनक नाकामी के कारण केंद्र सरकार को कोविड-19 परीक्षण नीति में ही बदलनी पड़ी है। फिसड्डी साबित बिहार में कोविड-19 परीक्षण का औसत 281 परीक्षण प्रति 10 लाख का है। 10 मई की सुबह तक बिहार में केवल 34 हजार 150 लोगों का ही परीक्षण हो पाया था। एक अधिकारी के मुताबिक महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में कोरोना संक्रमितों की ज्यादा संख्या की वजह वहां ज्यादा परीक्षण होना है।

नई नीति के तहत कम परीक्षण वाले राज्यों में बिना लक्षण वाले लोगों का बड़ी संख्या में रैंडम परीक्षण करने का आदेश जारी किया गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही ढिंढोरा पीट रहे हों कि राज्य में अब तक केवल 650 के आसपास कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, आईसीएमआर और सरकारी एजेंसियाों के आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां करते हैं।

प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त टास्क फोर्स के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि जिन राज्यों में कोविड-19 संक्रमितों का आंकड़ा बड़ा दिख रहा है, वहां ज्यादा परीक्षण किए जा रहे हैं। अधिकारी के मुताबिक अगर बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल ने परीक्षण नहीं बढ़ाए तो महामारी से जंग में हम पिछड़ जाएंगे।

नीतीश कुमार ने कम परीक्षण पर दलील देते हुए कहा, 'हम पूरे राज्य में घर-घर जा रहे हैं। कहीं भी कोरोना के लक्षण वाले लोग नहीं मिल रहे हैं।' इस दलील के बाद केंद्र के पास बिना लक्षण वालों के रैंडम परीक्षण का आदेश देने के अलावा कोई चारा ही नहीं बचा था।

बंगाल बेहतर: केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ नोंकझोंक के कारण सुर्खियों में रहने वाले पश्चिम बंगाल की स्थिति बिहार से बेहतर है। वहां का औसत 403 परीक्षण प्रति 10 लाख का है। केंद्र सरकार चाहती है कि बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा भी परीक्षण बढ़ाएं, क्योंकि वहां घर लौट रहे लाखों मजदूर स्थिति को गंभीर बना सकते हैं। उत्तर प्रदेश 547 परीक्षण प्रति 10 लाख के साथ इनसे बेहतर स्थिति में है।

पहले नीतीश अब ममता: अपने राज्य के प्रवासी मजदूरों को वापस नहीं लाने पर अड़े नीतीश कुमार के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तेवर भी कमजोर हो गए हैं। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को इन दोनों को स्थिति की गंभीरता समझाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।

Web Title: Coronavirus: Center change covid 19 test policy due to Bihar where only 281 are being tested per 10 lakhs

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