कोरोना पर धार्मिक भेदभाव: गुजरात के इस अस्पताल में हिंदू-मुस्लिम मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड, जानें डॉक्टर ने इस पर क्या कहा?

By पल्लवी कुमारी | Published: April 15, 2020 01:27 PM2020-04-15T13:27:24+5:302020-04-15T13:27:24+5:30

देश में लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। घर से बाहर निकलने पर मास्क पहना अनिवार्य कर दिया गया है। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Coronavirus Ahmedabad Hospital splits COVID wards on Religion doctor says govt decision | कोरोना पर धार्मिक भेदभाव: गुजरात के इस अस्पताल में हिंदू-मुस्लिम मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड, जानें डॉक्टर ने इस पर क्या कहा?

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsरिपोर्ट के मुताबिक इस अस्पताल में कोरोना वायरस के 186 मामलों में से 150 में रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं।भारत में कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 11,439 पहुंच गया और 377 की मौत हो गई है ।

अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए 1200 बेड्स तैयार किए गए हैं। लेकिन इन बेड्स का धर्म और आस्था के नाम पर बंटवारा किया गया है। इस अस्पताल में हिंदू मरीजों के लिए अलग वार्ड है और मुस्लिम मरीजों के लिए अलग वार्ड है। 

द इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गुणवंत एच राठौड़ का कहना है, हिंदू मरीजों और मुस्लिम मरीजो के लिए अलग-अलग वार्ड की व्यवस्था राज्य सरकार के आदेश के आधार पर की गई है। लेकिन राज्य के उप-मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने ऐसी किसी भी आदेश से इनकार कर दिया है। 

जानें डॉक्टर ने क्या कहा? 

डॉ. गुणवंत एच राठौड़ का कहना, यूं तो आमतौर पर अस्पतालों में महिला और  पुरुषों के लिए अलग-अलग वॉर्ड बने होते हैं, लेकिन इस अस्पताल में   हिंदू और मुस्लिमों के लिए अलग-अलग वॉर्ड बनाए गए हैं। 

आखिर क्यों लिया गया ऐसा फैसला? इस सवाल के जवाब में डॉ. गुणवंत एच राठौड़ ने कहा, ये फैसाल सरकार के कहने पर लिया गया है। इसके बारे में आप उनसे पूछ सकते हैं। 

अहमदाबाद के इस अस्पताल में 150 कोरोना मरीज में से 40 मुस्लिम हैं

रिपोर्ट के मुताबिक इस अस्पताल में कोरोना वायरस के 186 मामलों में से 150 में रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं। अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक 150 कोरोना मरीज में से कम से कम 40 मुस्लिम हैं। 

डिप्टी सीएम पटेल ने कहा, 'मुझे इस तरह के फैसले (धर्म के अनुसार वार्डों) के बारे में जानकारी नहीं है। आमतौर पर, पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग वार्ड होते हैं। मैं इसके बारे में पूछताछ करूंगा।'

अहमदाबाद के कलेक्टर के. के. निराला ने भी ऐसे किसी आदेश से इनकार किया है। निराला ने कहा, "हमारी तरफ से ऐसा कोई निर्देश नहीं गया है और हमें इस तरह के किसी भी सरकारी फैसले की जानकारी नहीं है।"

(नोटः खबर द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के आधार पर लिखी गई है।) 

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