Corona warriors: डॉक्टर की कोरोना संक्रमण से मौत, भीड़ ने कब्रिस्तान में दफनाने का किया विरोध
By अनुराग आनंद | Published: April 20, 2020 03:26 PM2020-04-20T15:26:11+5:302020-04-20T15:26:11+5:30
चेन्नई में पिछले दिनों में ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां पर कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति को जब दफनाने के लिए ले जाया गया, तो लोगों ने कब्रिस्तान के पास ही हंगामा शुरू कर दिया।
चेन्नई: देश भर में जारी कोरोना महामारी को रोकने व संक्रमण को रोकने के लिए देश भर के डॉक्टर दिन-रात इस जानलेवा वायरस से दो-दो हाथ कर रहे हैं। कोरोना वायरस से जंग में देश भर के स्वास्थ्यकर्मी मोर्चे पर डटे हुए हैं। लेकिन, जब संक्रमितों का इलाज करते-करते खुद कोई स्वास्थ्यकर्मी वायरस के संक्रमण का शिकार हो जाता है तो उन कोरोना वॉरियर्स के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, चेन्नई में पिछले दिनों में ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां पर कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति को जब दफनाने के लिए ले जाया गया, तो लोगों ने कब्रिस्तान के पास ही हंगामा शुरू कर दिया।
जब 55 वर्षीय कोरोना संक्रमित डॉक्टर के शव को लोगों ने दफनाने से मना किया तो प्रशासन ने बाद में डॉक्टर के शव को दूसरे कब्रिस्तान में ले जाकर दफनाया है।
बता दें कि जब भीड़ पर वहां मौजूद पुलिस काबू नहीं पा पाई तो प्रशासन ने मृतक डॉक्टर के परिजनों को समझाते हुए शव को किसी दूसरे कब्रिस्तान में ले जाने के लिए कहा जिसके बाद दूर किसी कब्रिस्तान में डॉक्टर के शव को दफनाया गया।
इस मामले में अब पुलिस की ओर से 20 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने लॉकडाउन उल्लंघन, हथियार से हमला करने, सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी से रोकने के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
यह पहली घटना नहीं है जब तमिलनाडु में किसी संक्रमित डॉक्टर के शव को दफनाने से इनकार किया गया है। इससे पहले भी तमिलनाडु के एक एम्बातुर नाम की जगह पर 62 साल के डॉक्टर के शव को दफनाने का लोगों ने विरोध किया था। इस तरह साफ है कि कोरोना से लड़ाई में सबसे आगे खड़ा होकर जो स्वास्थ्यकर्मी दिन-रात लोगों की हिफाजत के लिए काम कर रहे हैं, समाज बदले में उनको वह सम्मान नहीं दे रहा है।