कोरोना वायरस: डॉक्टरों को प्रोटेक्शन किट मुहैया कराने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
By डॉ. आशीष दुबे | Published: April 1, 2020 08:49 PM2020-04-01T20:49:59+5:302020-04-01T21:12:30+5:30
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले सामने आने के बाद अस्पतालों के डॉक्टर व मेडिकल स्टॉफ रोगियों की जांच का काम कर रहा है. ऐसे में उन्हें विश्व स्वास्थ संगठन से मान्यता प्राप्त निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई), मास्क, दस्ताने, आंखों की सुरक्षा के लिए चष्मे व सिर की सुरक्षा के लिए कैप, जुते, गाउन आदि दिए जाए.
नागपुर:सुप्रीम कोर्ट में नागपुर के एक चिकित्सक डॉ जेरिल बानाइत ने एक जनहित याचिका दायर की है. याचिका में अनुरोध किया गया है कि अस्पतालों में कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों की जांच कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को विश्व स्वास्थ संगठन से मान्यता प्राप्त सुरक्षित कपड़े और उपकरण उपलब्ध करवाने का आदेश केंद्र व राज्य सरकारों को दिया जाए. याचिका पर न्यायमूर्ति डी.वाय.चंद्रचुड़ व न्यायमूर्ति एम.आर.शाह की युगलपीठ के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई.
याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पैरवी करते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है. हमारे पास ऐसा ही एक मामला आया था और हम इसे लेकर कदम उठा रहे हैं. इस पर नोटिस जारी न करें, हमें याचिका दें और हम इस पर कदम उठाएंगे. इस पर शीर्ष अदालत ने अगले सप्ताह तक केंद्र को जवाब देने को कहा है. याचिककर्ता की ओर से यह याचिका अधिवक्ता आस्था शर्मा व प्रस्तुत दलवी ने दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुनील फर्नांडिका ने पैरवी की.
याचिकाकर्ता का कहना है कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले सामने आने के बाद अस्पतालों के डॉक्टर व मेडिकल स्टॉफ रोगियों की जांच का काम कर रहा है. ऐसे में उन्हें विश्व स्वास्थ संगठन से मान्यता प्राप्त निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई), मास्क, दस्ताने, आंखों की सुरक्षा के लिए चष्मे व सिर की सुरक्षा के लिए कैप, जुते, गाउन आदि दिए जाए. इसके अलावा रोगियों का जांच कर रहे डॉक्टरों व मेडिकल स्टॉफ के आइसोलेशन में रहने का इंतजाम किया जाए. उन्हें आने जाने के लिए विशेष वाहन सुविधा दी जाए. यह सारी सुविधाएं केवल मेट्रो शहर के अस्पतालों के डॉक्टर्स व मेडिकल स्टॉफ के लिए ही नहीं बल्कि टायर-2, टायर-3 शहरों के अस्पतालों के डॉक्टर व मेडिकल स्टॉफ को दी जाए.