ICMR ने कहा-हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कोई दुष्प्रभाव नहीं, कोविड-19 में प्रयोग करें, भोजन के साथ लेनी चाहिए, खाली पेट नहीं
By भाषा | Published: May 26, 2020 08:03 PM2020-05-26T20:03:03+5:302020-05-26T20:03:03+5:30
पिछले कुछ महीनों में टेस्टिंग की संख्या काफी बढ़ाई गई है, 1.1 लाख सैंपलों को प्रतिदिन टेस्ट किया जा रहा है। लॉकडाउन और कंटेनमेंट के दूसरे प्रयासों के चलते भारत में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर 10.7 मामले दर्ज किए गए हैं।
नई दिल्लीः भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंगलवार को कहा कि भारत में हुए अध्ययनों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) का कोई प्रमुख दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है और इसका प्रयोग कोविड-19 के एहतियाती इलाज में जारी रखना चाहिए।
आईसीएमआर का यह बयान ऐसे समय आया है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोविड-19 के संभावित इलाज के लिए चल रहे एक वैश्विक औषधि परीक्षण से, सुरक्षा संबंधी चिंता के मद्देनजर वह अस्थायी रूप से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को हटाएगा।
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, ‘‘कोविड-19 एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में जानकारी धीरे धीरे सामने आ रही है और हमें नहीं पता कि कौन सी दवा काम कर रही है और कौन सी दवा काम नहीं कर रही है। कई दवाएं कोविड-19 के लिए इस्तेमाल के लिए निर्धारित की जा रही हैं, चाहे वह इससे बचाव के लिए हों या इलाज के लिए हों।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने मिचली आने, उल्टी आने और बेचैनी होने को छोड़कर कोई प्रमुख दुष्प्रभाव नहीं पाया है। इसलिए हम हमारे परामर्श में सिफारिश करते हैं कि इसका इस्तेमाल बचाव के लिए जारी रखना चाहिए क्योंकि इससे कोई हानि नहीं है। लाभ जरूर हो सकता है।’’
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट तौर पर ‘‘सलाह दी गई है कि एचसीक्यू भोजन के साथ लेनी चाहिए, खाली पेट नहीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस बात पर भी जोर दिया है कि इलाज के दौरान ईसीजी किया जाना चाहिए। हमने एचसीक्यू के संभावित लाभ पर विचार करते हुए इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के अलावा कोविड-19 की रोकथाम में अग्रिम मोर्चे पर लगे कर्मियों पर भी करना शुरू किया है।’’
भार्गव, कोविड-19 पर देश में स्थिति को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। वहां उन्होंने उल्लेख किया कि आईसीएमआर ने जांच सुविधाएं बढ़ायी हैं और प्रतिदिन एक लाख से अधिक व्यक्तियों की जांच की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में कोविड-19 मामलों के ठीक होने की दर में वृद्धि की प्रवृत्ति देखी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘देश में ठीक होने की दर में सुधार जारी है और यह वर्तमान में 41.61 प्रतिशत है। कोविड-19 से मृत्यु की दर 15 अप्रैल को 3.3 प्रतिशत से कम होकर 2.87 प्रतिशत हो गई है जो कि विश्व में सबसे कम है।’’