कोरोना वायरसः दो मकान वाले लोगों को सता रहा है दोहरा डर, चोरी-कब्जे की आशंका से बढ़ी बेचैनी!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: May 14, 2020 09:29 PM2020-05-14T21:29:14+5:302020-05-14T21:29:14+5:30
लंबे समय से लाॅकडाउन निगरानी में लगे पुलिसवाले कोरोना मोर्चे पर हैं, लिहाजा वे सुरक्षा की दृष्टि से ऐसे क्षेत्रों को कवर नहीं कर पा रहे हैं, जो सुनसान हैं या बस्ती से एकदम अलग हैं। इसका नतीजा यह है कि सुनसान इलाकों में तालाबंद दुकानों, मकानों आदि के ताले टूटने, चोरी होने की खबरें आने लगी हैं।
नई दिल्ली: सख्त लॉकडाउन के दौरान तो सुने मकानों में चोरी जैसी घटनाओं की खबरें नहीं थी, लेकिन लाॅकडाउन में ढील के साथ ही ऐसी खबरें भी आने लगी हैं। लॉकडाउन में ढील के साथ ही लोगों के सामने नई-नई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं। जिनके अलग-अलग शहरों में एकाधिक मकान हैं, उन्हें अपने सुने बंद पड़े घरों की सुरक्षा का डर सता रहा है, यही नहीं, घरों पर कब्जे की आशंका भी बेचैन कर रही है। कुछ ऐसा ही हाल दुकानदारों का है, जिनकी अन्य शहरों में दुकानें हैं, वे चाह कर भी उन पर नजर नहीं रख पा रहे हैं।
लंबे समय से लाॅकडाउन निगरानी में लगे पुलिसवाले कोरोना मोर्चे पर हैं, लिहाजा वे सुरक्षा की दृष्टि से ऐसे क्षेत्रों को कवर नहीं कर पा रहे हैं, जो सुनसान हैं या बस्ती से एकदम अलग हैं। इसका नतीजा यह है कि सुनसान इलाकों में तालाबंद दुकानों, मकानों आदि के ताले टूटने, चोरी होने की खबरें आने लगी हैं। राजस्थान के कई लोगों के मकान मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद आदि शहरों में हैं। कई लोग जो राजस्थान आ गए हैं, दूसरे शहरों में उनके घरों पर ताले हैं, तो जो नहीं आए हैं, उनके घरों पर यहां ताले हैं। ऐसी स्थिति में लोगों को चोरी का डर तो सता ही रहा है, सुनसान इलाकों के घरों पर कब्जा होने की आशंका भी गहरा रही है।
बड़ी समस्या मजदूर वर्ग की है, जिनका सामान शहर के किराए के घर में पड़ा है। अगर वहां चोरी हो भी जाती है तो पता चलना मुश्किल है। जो लोग हमेशा के लिए शहर छोड़ने का मन बना चुके हैं, उनका तो अपनी कमाई का हजारों रुपयों का सामना फंस गया है। किराए का मीटर शुरू है, लिहाजा हिसाब किए बगैर मकान मालिक सामान ले जाने नहीं देगा और सामान मिल भी गया तो सैकड़ों किमी दूर इसे ले जाना घाटे का सौदा होगा!