कोरोना वायरस का कहर, पंजाब में इस बार वैशाखी की रौनक गायब, कोई चहल-पहल नहीं, सड़कों पर सन्नाटा

By भाषा | Published: April 13, 2020 06:32 PM2020-04-13T18:32:35+5:302020-04-13T18:32:35+5:30

भारत में त्योहार धूम-धाम से मनाते हैं। कोरोना ने सारे पर्व पर ग्रहण लगा दिया है। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च बंद है। लोग घर में पूजा पाठ कर रहे हैं। कोरोना महामारी को खत्म करने की दुआ कर रहे हैं।

Corona virus Baishakhi's dazzling disappearance time Punjab no movement silence streets | कोरोना वायरस का कहर, पंजाब में इस बार वैशाखी की रौनक गायब, कोई चहल-पहल नहीं, सड़कों पर सन्नाटा

सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में महज कुछ ही श्रद्धालु अरदास के लिए पहुंचे। (file photo)

Highlightsअरदास के लिए लोग गुरुद्वारा नहीं जा पाए। वैशाखी पंजाब का सबसे बड़ा त्योहार है।किसानों के लिए भी यह त्योहार महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन से खेतों में खड़ी फसल को काटने की शुरुआत होती है।

चंडीगढ़ः कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर लागू कर्फ्यू के कारण इस बार पंजाब में वैशाखी पर्व पर कोई चहल-पहल नहीं दिखी।

सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और अरदास के लिए लोग गुरुद्वारा नहीं जा पाए। वैशाखी पंजाब का सबसे बड़ा त्योहार है। इसी दिन गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। किसानों के लिए भी यह त्योहार महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन से खेतों में खड़ी फसल को काटने की शुरुआत होती है।

सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में महज कुछ ही श्रद्धालु अरदास के लिए पहुंचे। आम तौर पर वैशाखी के दौरान स्वर्ण मंदिर में करीब दो लाख श्रद्धालु आते हैं। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ में गुरुद्वारा का प्रबंधन करने वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने भी कर्मियों को तैनात किया है जो लोगों को एक जगह इकट्ठा नहीं होने के लिए समझाते हैं।

एसजीपीसी के मुख्य सचिव रूप सिंह ने कहा कि कमेटी स्वर्ण मंदिर आने से कभी किसी को नहीं रोकती लेकिन किसी को भी सरकारी आदेशों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। भीड़-भाड़ ना हो इसलिए स्वर्ण मंदिर के तरफ की सभी सड़कों पर बैरिकेड लगाए गए हैं। वर्ष 1699 में आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की शुरुआत हुई थी।

यहां पर तख्त केशगढ़ साहिब में इस बार कोई रौनक नहीं है। पंजाब और राज्य की राजधानी चंडीगढ़ में स्थित विभिन्न गुरुद्वारा के प्रबंधन ने लोगों से घरों में ही रहने की अपील की। लोगों को घर में ही रहकर यूट्यूब के जरिए गुरबाणी सुनने को कहा गया है। चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के एक अधिकारी ने बताया ,‘‘सुबह में संगत अरदास के लिए आए लेकिन हमने उनसे घरों से ही प्रार्थना करने और यूट्यूब चैनल के जरिए कीर्तन सुनने को कहा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपने वाट्सएप ग्रुप पर श्रद्धालुओं के लिए कीर्तन का एक वीडियो साझा किया है।’’ उन्होंने कहा कि हर साल वैशाखी पर गुरुद्वारा में 60,000 से 70,000 श्रद्धालु आते हैं। लुधियाना में एक गुरुद्वारा के प्रबंधन ने बताया कि वैशाखी के अवसर पर इस बार उसके कर्मचारी कोरोना वायरस महामारी से अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे कर्मियों के लिए लंगर का इंतजाम करेंगे।

गुरुद्वारा के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम पुलिसकर्मियों और चिकित्साकर्मियों सहित अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कर्मियों को लंगर बांटेंगे। ’’ मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी वैशाखी पर लोगों से घरों से बाहर नहीं निकलने की रविवार को अपील की थी। 

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