Corona Vaccine: भारत के लिए फाइजर, मॉडर्ना या स्पुतनिक में से कौन सा वैक्सीन है सबसे बेहतर? जानने के लिए लिए पढ़ें ये रिपोर्ट
By अनुराग आनंद | Published: November 24, 2020 03:14 PM2020-11-24T15:14:08+5:302020-11-24T15:18:53+5:30
200 से ज्यादा कंपनियां वैक्सीन बनाने में जुटी हैं। लेकिन, अभी ज्यादा उम्मीद सिर्फ कुछ कंपनियों की वैक्सीन से ही है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारत के लिहाज से कौन सा वैक्सीन बेस्ट है।
नई दिल्ली: दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अब भी सामने आ रहे हैं। विश्व में अमेरिका और भारत कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देश में से एक है। यही वजह है कि इन दोनों ही देश के लोगों को कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है।
स्क्रॉल डॉट इन रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय यूनियन ने 120 करोड़ डोज और अमेरिका ने 100 करोड़ डोज की डील की है। दुनिया भर में बन रही वैक्सीन में भारत अब तक 150 करोड़ से अधिक डोज की डील कर चुका है।
लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच इस महामारी से निजात पाने के लिए तैयार होने वाले वैक्सीन पर पूरी दुनिया की नजर है और दुनिया भर के वैज्ञानिक पिछले एक साल से दिन रात वैक्सीन बनाने में लगे हैं। 200 से ज्यादा कंपनियां वैक्सीन बनाने में जुटी हैं। लेकिन, अभी ज्यादा उम्मीद सिर्फ कुछ कंपनियों की वैक्सीन से ही है।
अभी जो सर्वाधिक चर्चा में तीन वैक्सीन है, उनमें फाइजर, मॉडर्ना या स्पुतनिक वैक्सीन शामिल है। इसके अलावा, एक देशी कोरोना को-वैक्सीन भी अंतिम ट्रायल फेज में है। आइए जानते हैं इन तीनों वैक्सीन के बारे में
भारत के लिए समय के हिसाब से कौन सी वैक्सीन बेस्ट है?
बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया भर के देशों में वैक्सीन बनाने का काम हो रहा है। ऐसे समय में जब कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है तो जरूरी है कि कौन सा वैक्सीन पहले आता है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फाइजर-बायोएनटेक की कोरोनावायरस वैक्सीन अगले महीने यानी दिसंबर तक लोगों की लगनी शुरू हो सकती है। मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन भी दिसंबर के आखिर तक आ सकती है।
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को अगर इमर्जेंसी अप्रूवल मिलता है, तो ये दिसंबर में आ सकती है। वहीं, यदि स्वदेशी को-वैक्सीन की बात करें तो यह वैक्सीन भी अंतिम ट्रायल में है और अगले साल फरवरी-मार्च तक आ सकती है।
कीमत के लिहाज से कौन सी वैक्सीन बेहतर है?
बता दें कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन भारत के लिए कीमत के लिहाज से सबसे बेहतर है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस वैक्सीन की कीमत कम होने की संभावना है, ऐसे में आम लोग इस वैक्सीन का इस्तेमाल कर पाएंगे। मॉडर्ना की वैक्सीन की कीमत 1850 से 2750 रुपये के बीच होने की उम्मीद है।
फाइजर का टीका 4150 रुपये का पड़ेगा, जबकि सूत्रों के मुताबिक ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजेनेका का कोविशील्ड 500 से 600 रुपये में मिलने की संभावना है। ऐसे में साफ है कि इंडिया में सबसे पहले इसी टीके के आने की उम्मीद है।
देश के वातावरण, तापमान व यातायात के लिहाज से बेहतर वैक्सीन
बता दें कि देश के वातावरण व आमलोगों तक पहुंचाने के लिए यातायात, स्टोरेज के लिहाज से ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका सबसे बेहतर है। दरअसल, फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को शून्य से भी काफी कम तापमान पर रखना पड़ता है। फाइजर की वैक्सीन माइनस 70 डिग्री में रखनी पड़ेगी।
वहीं, मॉडर्ना की वैक्सीन को स्टोर करने के लिए माइनस 20 डिग्री तापमान में रखना होगा। जबकि इनके मुकाबले ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड का टीका 2 से 8 डिग्री तापमान पर स्टोर किया जा सकता है और भारत में राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत पोलियो और रोटावायरस वैक्सीन को छोड़कर सभी वैक्सीन इसी तापमान पर स्टोर की जाती हैं। यही वजह है कि 2 से 8 डिग्री तापमान के लिए भारत के पास मौजूद कोल्ड चेन का नेटवर्क है।