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कोरोना वैक्सीन अपडेट: कैडिला, कोवाक्सीन का फेज-1 और ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का फेज-2 ट्रायल पूरा

By एसके गुप्ता | Updated: September 16, 2020 20:50 IST

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में लिखित उत्तर देते हुए यह जानकारी दी है कि 30 से अधिक वैक्सीन कंपनियों को सहयोग दिया गया है।

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ठळक मुद्देसरकार ने कहा कि तीन वैक्सीन एडवांस ट्रायल में हैं। भारत बायोटेक और ऑक्सफोर्ड इंस्टीट्यूट की ओर से तैयार वैक्सीन के ट्रायल परिणामों की जांच जारी है।

नई दिल्ली: कोरोना महामाहरी से बचाव के लिए वैक्सीन कब तक आएगी। यह सवाल आज हर कोई पूछ रहा है। बुधवार को संसद में भी यह सवाल उठा। जिसके जवाब में सरकार ने कहा कि तीन वैक्सीन एडवांस ट्रायल में हैं। कैडिला, भारत बायोटेक और ऑक्सफोर्ड इंस्टीट्यूट की ओर से तैयार वैक्सीन के ट्रायल परिणामों की जांच जारी है। उम्मीद है कि साल के अंत तक महामारी से निपटान के लिए वैक्सीन आ जाएगी। अच्छी खबर यह है कि भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई)  ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है।

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में लिखित उत्तर देते हुए यह जानकारी दी है कि 30 से अधिक वैक्सीन कंपनियों को सहयोग दिया गया है। इससे पहले आईसीएमआर के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव ने कहा था कि भारत में 3  वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है जिसमें कैडिला और भारत बॉयोटेक ने पहले चरण की टेस्टिंग पूरी की है। 

सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के दूसरे चरण का बी-3 ट्रायल पूरा कर लिया है। अब डीजीसीआई की मंजूरी के बाद तीसरे चरण की टेस्टिंग 14 स्थानों पर 1,500 वॉलिएंटर्स पर शुरू की जाएगी। डा. भार्गव ने कहा कि कैडिला की कोरोना वैक्सीन का फेज-1 ट्रायल पूरा हो चुका है। इसमें 3 डोज 14 से 28 दिन के अंतराल पर लगते हैं। जबिक भारत बायोटेक और आईसीएमआर के संयुक्त प्रयासों से तैयार कोवाक्सीन वैक्सीन के दूसरे फेज का ट्रायल शुरू हो चुका है। फेज एक के ट्रायल का अभी सूक्ष्म आंकलन किया जा रहा है।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने कुछ समय पहले कहा था कि सब कुछ ठीक रहा तो इस साल के आखिरी तक कोरोना की वैक्सीन बन जाएगी। उन्होंने बताया था कि इस साल के अंत तक भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन देश को मिल सकती है। वैक्सीन बनने के बाद सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को यह लगाई जाएगी। इसके बाद बुजुर्ग और गंभीर बीमारी वाले रोगियों को वैक्सीन का टीका लगाया जाएगा। 

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