कोरोना लॉकडाउन: दिल्ली से आज इस राज्य के लिए रवाना होंगी श्रमिक स्पेशल ट्रेन, 1200 प्रवासी मजदूर जाएंगे अपने घर
By निखिल वर्मा | Published: May 7, 2020 10:19 AM2020-05-07T10:19:16+5:302020-05-07T10:20:24+5:30
रेलवे ने लॉकडाउन के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों की वापसी के लिए 1 मई से विशेष ‘श्रमिक ट्रेनें’ शुरू की है.
कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से पहली विशेष ट्रेन करीब 1,200 प्रवासी श्रमिकों को लेकर आज उनके गृह राज्य मध्य प्रदेश रवाना होगी। ये श्रमिक बंद की वजह से यहां फंसे हुए हैं। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ दिल्ली के आश्रय गृहों में रह रहे मध्य प्रदेश के करीब 1,200 प्रवासी श्रमिकों को लेकर यह ट्रेन उनके गृह राज्य रवाना होगी।’ दिल्ली में फंसे बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजने के लिए दिल्ली सरकार इन दोनों राज्यों की सरकार से भी बातचीत कर रही है।
रेलवे ने एक मई से अबतक 140 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, जिनसे लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए 1.35 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को मंजिल तक पहुंचाया गया। ये प्रवासी कामगार कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लागू किए गए लॉकडाउन के कारण कार्यस्थलों पर फंस गए थे। प्रत्येक विशेष ट्रेन में 24 डिब्बे हैं और हर डिब्बे में 72 सीट हैं। लेकिन एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने के नियम का पालन हो, इसके लिए रेलवे द्वारा एक डिब्बे में 54 यात्रियों को ही बैठाया जा रहा है।
रेलवे ने अभी तक आधिकारिक तौर पर यह खुलासा नहीं किया है कि इन सेवाओं पर कितना पैसा खर्च हुआ है, हालांकि सरकार ने कहा है कि वह 85 और 15 के अनुपात में राज्यों के साथ खर्च वहन किया गया। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं रेलवे ने प्रत्येक सेवा पर 80 लाख रुपये खर्च किए। सेवाओं की शुरूआत से अबतक गुजरात ट्रेनों के प्रस्थान स्थल में सबसे आगे रहा। उसके बाद केरल दूसरे नंबर पर। ट्रेनों के गंतव्यों को लेकर बिहार अैर उत्तर प्रदेश शीर्ष राज्य रहे। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने दिल्ली में फंसे राज्य के यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को ट्रेन से वापस लाने का निर्णय किया है।
भारतीय रेलवे फंसे हुए व्यक्तियों को भेजने के लिए मानक प्रोटोकॉल के अनुसार संबंधित राज्य सरकारों के अनुरोध पर प्वांइट टू प्वाइंट तक विशेष ट्रेनें चला रही है। यात्रा से पहले एक राज्य से दूसरे राज्य में सफर करने वालों यात्रियों की स्क्रीनिंग होती है और लक्षण न पाए जाने पर ही ट्रेन में सफर करने की अनुमति मिलती है। राज्य सरकार की सैनिटाइज बस में यात्रियों को रेलवे स्टेशन तक लाया जा रहा है और सोशल डिस्टैंसिंग का ध्यान रखना अनिवार्य है। इसके बाद गंतव्य तक पहुंचने के बाद यात्रियों को राज्य सरकार रिसीव कर और उनकी स्क्रीनिंग कर रही है। जरूरत पड़ने पर राज्य सरकारें क्वारंटाइन की व्यवस्था करेगी।