'2021 तक बनी रहेगी कोरोना महामारी', राहुल गांधी के साथ हुई चर्चा में विशेषज्ञों का अनुमान

By शीलेष शर्मा | Published: May 27, 2020 09:36 PM2020-05-27T21:36:17+5:302020-05-27T21:36:17+5:30

भारत में बड़ी आबादी है लेकिन फिर भी जितनी अधिक टेस्टिंग होगी, वही बेहतर है। दक्षिणी कोरिया, ताइवान, कोंगहोन्ग कोंग ने अच्छा काम किया है, लेकिन पश्चिमी यूरोप और अमेरिका जैसे देश अभी भी इस महामारी से निकलने की कोशिश में जुटे हैं।  मेरी राय  में किसी भी व्यक्ति की टेस्टिंग करो भले ही उसके लक्षण कुछ भी हो।

'Corona epidemic will continue till 2021', experts estimate in discussion with Rahul Gandhi | '2021 तक बनी रहेगी कोरोना महामारी', राहुल गांधी के साथ हुई चर्चा में विशेषज्ञों का अनुमान

कोरोना वायरस के आर्थिक एवं स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव के साथ साथ  इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव तेज़ी से असर डाल रहा है 

Highlightsकोरोना महामारी जल्दी समाप्त होने नहीं जा रही है ,इसका खात्मा तभी होगा जब कोई वेक्सीन बाज़ार में आयेगीभारतीय मूल के जाने माने अमेरिकी लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ आशीष झा और जोहान गिसेक ने राहुल गाँधी से हुयी बात चीत में कही।

नयी दिल्ली: कोरोना महामारी जल्दी समाप्त होने नहीं जा रही है, इसका खात्मा तभी होगा जब कोई वेक्सीन बाज़ार में आयेगी, चूँकि तत्काल वेक्सीन आने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही, इससे साफ़ है कि हमको 2021 आने तक इसी कॅरोना के साथ रहना होगा। यह बात भारतीय मूल के जाने माने अमेरिकी लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ आशीष झा और जोहान गिसेक ने राहुल गाँधी से हुयी बात चीत में कही।

आशीष झा का मानना था कि आगे आने वाले समय में हमको बहुत से खतरनाक वॉयरस का सामना करना होगा ,जो जीवन पांच पहले था आने वाले पांच सालों में जीवन पूरी तरह बदल जायेगा। जलवायु परिवर्तन के कारण जो परिस्थतियाँ पैदा हो रहीं हैं वह संक्रमण को तेजी से फैलने और उसके प्रभाव को उग्र करने में बड़ा कारण होंगी 

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के आर्थिक एवं स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव के साथ साथ  इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव तेज़ी से असर डाल रहा है लोगों पर कोरोना के इस प्रभाव को कैसे कम किया जाये इस पर सरकार को  ध्यान देने की जरूरत है. लॉकडाउन के जरिए पहले आप अपने लोगों को यह सोचने पर मज़बूर कर देते हैं  कि स्थिति गंभीर है. लेकिन जब आर्थिक गतिविधियां खोलते हैं तो यह भूल जाते हैं कि आपको लोगों में विश्वास पैदा करना है.

सच तो यह है कि लॉक डॉउन आपको तैयारी करने का समय दे रहा है ,यह समस्या का हल नहीं है। लॉक डॉउन खोलने के लिये भी रणनीति की ज़रुरत है ,बिना रणनीति के अगर आप लॉक डॉउन खोल देंगे तो संक्रमण और तेज़ी से फ़ैल जायेगा। प्रवासी मज़दूरों को गंतव्य तक रवाना करने से पहले उनकी जाँच ज़रूरी थी ताकि जब वह लौट कर अपने घरों को जायें तो दूसरों को संक्रमित न करें।

भारत में बड़ी आबादी है लेकिन फिर भी जितनी अधिक टेस्टिंग होगी, वही बेहतर है। दक्षिणी कोरिया, ताइवान, कोंगहोन्ग कोंग ने अच्छा काम किया है, लेकिन पश्चिमी यूरोप और अमेरिका जैसे देश अभी भी इस महामारी से निकलने की कोशिश में जुटे हैं।  मेरी राय  में किसी भी व्यक्ति की टेस्टिंग करो भले ही उसके लक्षण कुछ भी हो। यह सही है की आप हर व्यक्ति की टेस्टिंग नहीं कर सकते, इसके लिए हमें एक सही रणनीति बनानी होगी।  दुनिया के तमाम देश जिनमें चीन, अमेरिका, इजराइल सहित दुसरे देश वैक्सीन बनाने में जुटे हैं।  इस वर्ष के अंत तक कोई न कोई देश वैक्सीन अवश्य निकाल देगा।  भारत के लिए ५० - ६० करोड़ वैक्सीन की ज़रुरत होगी, तभी इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकेगा।  

प्रोफ. जॉन का मानना था के इस समय हम केवल महामारी का १% देख रहे हैं, वास्तविक महामारी जारी है।  हमें नहीं पता यह कहाँ तक जाएगी।  दुनिया के तमाम देशों ने लॉक डाउन किया लेकिन किसी ने यह रणनीति नहीं बनायी की इससे बहार निकलने का सही समय क्या है , और सभी देश अब यह  जुटे हैं की लॉक दवों से बहार निकलने का सही रास्ता क्या है।  

Web Title: 'Corona epidemic will continue till 2021', experts estimate in discussion with Rahul Gandhi

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