सरकार ने वयस्कों के लिए CORBEVAX को बूस्टर शॉट के रूप में दी मंजूरी; कोवैक्सीन, कोविशील्ड का खुराक ले चुके लोग कर सकेंगे इस्तेमाल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 10, 2022 12:42 PM2022-08-10T12:42:25+5:302022-08-10T13:03:34+5:30
भारत का पहला स्वदेशी आरबीडी प्रोटीन सबयूनिट 'कॉर्बेवैक्स' टीका फिलहाल 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को लगाया जा रहा है। कोविड-19 कार्य समूह ने 20 जुलाई को हुई बैठक में तीसरे चरण के आंकडों की समीक्षा की थी।
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने बायोलॉजिकल-ई लिमिटेड के कॉर्बेवैक्स को सीमित प्रयोग के साथ आपात स्थिति में बूस्टर खुराक के रूप में मंजूरी दे दी है। देश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब पहली और दूसरी खुराक के तौर पर दिए गए टीके से अलग कोई टीका बतौर ऐहतियाती खुराक लगाया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) की सिफारिशों के आधार पर यह मंजूरी दी है।
मंगलवार को, एएनआई ने बताया था कि विषमजातीय (यानी जिसे कोविशील्ड और कोवैक्सीन लग चुके हैं) के लिए कॉर्बेवैक्स बूस्टर पहला टीका है जो केंद्र द्वारा अनुमोदित किया गया है। कॉर्बेवैक्स वैक्सीन को एक विषम बूस्टर खुराक के रूप में उन लोगों को देना है जो पहले से ही कोविशील्ड या कोवैक्सिन की दो खुराक ले चुके हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘18 वर्ष से अधिक आयु के उन लोगों को ऐहतियाती खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स टीका लगाने पर विचार किया गया है, जिन्हें कोवैक्सीन या कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक लिए हुए छह महीने या 26 सप्ताह हो चुके हैं। इस आयु वर्ग के लोगों को पहले लगे टीके से अलग ऐहतियाती खुराक दी जाएगी।’’
गौरतलब है कि भारत का पहला स्वदेशी आरबीडी प्रोटीन सबयूनिट 'कॉर्बेवैक्स' टीका फिलहाल 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को लगाया जा रहा है। कोविड-19 कार्य समूह ने 20 जुलाई को हुई बैठक में तीसरे चरण के आंकडों की समीक्षा की थी। इसमें कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दो खुराक ले चुके 18 से 80 वर्ष आयु के लोगों को कॉर्बेवैक्स टीका तीसरी खुराक के तौर पर दिए जाने के बाद उनकी प्रतिरोधक क्षमता पर होने वाले संभावित प्रभाव का आकलन किया गया था।
पिछले महीने राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने 18 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों के लिए एक विषम बूस्टर के रूप में बायोलॉजिकल ई के CORBEVAX की सिफारिश की थी। आंकड़ों के मुताबिक, सीडब्ल्यूजी ने पाया कि कोवैक्सीन या कोविशील्ड की दो खुराक लेने वालों को तीसरी खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स टीका लगाया जा सकता है, जो (वायरस से लड़ने के लिए) उल्लेखनीय स्तर पर एंटीबॉडी पैदा करता है और तटस्थ आंकड़ों के मुताबिक यह रक्षात्मक भी है।''