कोरोना से जंगः केंद्र ने कहा-खरीदेंगे फाइजर वैक्सीन, सवाल – 70 डिग्री सेल्सियस पर संग्रहित कैसे करेंगे
By एसके गुप्ता | Published: November 11, 2020 08:24 PM2020-11-11T20:24:56+5:302020-11-11T20:26:26+5:30
सरकार की ओर से वैक्सीन खरीददारी के लिए कोशिशें भी की जा रही हैं। समस्या यह है कि सरकार की ओर से वैक्सीन की खरीद के प्रयास तो किए जा रहे हैं लेकिन यह वैक्सीन लोगों तक पहुंचेगी कैसे?
नई दिल्लीः कोरोना से जंग के लिए तैयार की जा रही फाइजर वैक्सीन के ट्रायल नतीजे उत्साहजनक रहे हैं। हालांकि भारत में इसका न तो ट्रायल हुआ है और न ही इसके उत्पादन को लेकर अभी तक कोई करार हुआ है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि फाइजर की कोरोना वैक्सीन पहले तैयार होती है तो सरकार उसे खरीदेगी। सरकार की ओर से वैक्सीन खरीददारी के लिए कोशिशें भी की जा रही हैं। समस्या यह है कि सरकार की ओर से वैक्सीन की खरीद के प्रयास तो किए जा रहे हैं लेकिन यह वैक्सीन लोगों तक पहुंचेगी कैसे?
एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि फाइजर वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री तापमान में ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती होगा। दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि भारत जैसे विकासशील देशों को फाइजर वैक्सीन को माइनस माइनस 70 डिग्री तापमान पर रखना एक बड़ा चैलेंज है। देश में कोल्ड चेन बरकरार रखने में परेशानी होती है। खास तौर पर तब, जब ग्रामीण क्षेत्रों की बात हो। उन्होंने कहा कि अच्छी खबर ये है कि वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल उत्साहजनक है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन का आज हर देश को इंतजार है। हर देश अपने देश के नागरिकों की जान बचाने के साथ-साथ आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाहता है। ऐसे में जिस देश की वैक्सीन पहले तैयार होगी भारत सरकार उस देश से संपर्क कर वैक्सीन खरीददारी के लिए बातचीत करेगी।
क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद दो बार वैक्सीन रख-रखाव के लिए कोल्ड चैन की जानकारी ले चुके हैं। इसकी वजह यह है कि वैक्सीन 2 से 8 डिग्री तापमान पर संग्रहित कर रखी जाती हैं। समस्या यह भी है कि एक बार वैक्सीन खराब हो जाए तो उसे दोबारा उपयोग में नहीं लाया जा सकता है।