बिहार में कोरोना पर सर्वदलीय बैठक, राज्यपाल फागू चौहान ने की अध्यक्षता, सभी दल ने दिए सुझाव, सीएम नीतीश कल करेंगे बैठक
By एस पी सिन्हा | Updated: April 17, 2021 18:49 IST2021-04-17T18:48:28+5:302021-04-17T18:49:45+5:30
हालात को देखते हुए कल ही तय किया जाएगा कि बिहार में लॉकडाउन की जरूरत है या नाइट कर्फ्यू की. मुख्यमंत्री ने कहा कि रविवार को हमने सभी जिलों के डीएम के साथ बैठक बुलाई है.

तेजस्वी यादव ने कहा कि हर प्रमंडल में डेडीकेटिड कोविड अस्पताल बनाया जाए.
पटनाः बिहार में कोरोना की भयावह होती स्थिति को देखते हुए राज्यपाल फागू चौहान की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई. सुबह 11 बजे शुरू हुई इस बैठक में सभी दलों के प्रतिनिधि ऑनलाइन जुडे़.
इस बैठक में क्या फैसला लिया गया, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है. वहीं बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज की बैठक में सभी दल के नेताओं ने अपनी-अपनी बात रखी है. अब कल क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के साथ होने वाली बैठक में इन नेताओं के विचार रखे जाएंगे और उनपर विचार किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि हालात को देखते हुए कल ही तय किया जाएगा कि बिहार में लॉकडाउन की जरूरत है या नाइट कर्फ्यू की. मुख्यमंत्री ने कहा कि रविवार को हमने सभी जिलों के डीएम के साथ बैठक बुलाई है, उसमें कोरोना संक्रमण और उससे उपजी स्थितियों की भी जिलावार समीक्षा की जाएगी. इसके बाद कल जो निर्णय लिए जाएंगे, इसके बारे में रविवार दोपहर बाद जानकारी दी जाएगी.
जिलाधिकारी और एसपी के साथ साझा किया जायेगा
उन्होंने कहा कि लगातार कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. कल से आज संख्या बढी है. कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए जो निर्णय लिया जाना आवश्यक होगा, वह लिया जाएगा. सर्वदलीय बैठक में सरकार ने जो भी पक्ष रखा और अन्य पार्टी के नेताओं ने जो सुझाव दिए, उसे जिलाधिकारी और एसपी के साथ साझा किया जायेगा.
इस बैठक के बाद बिहार में संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए कुछ कडे़ कदम उठाये जाने की घोषणा की जाएगी. कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए जो निर्णय लिया जाना आवश्यक होगा वह लिया जाएगा. वहीं आज लालू प्रसाद यादव को जमानत मिलने के बारे में जब मुख्यमंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह उनका और कोर्ट का मसला है.
स्कूलों की छुट्टी 18 अप्रैल से जून तक करने की मांग की
वहीं, सर्वदलीय बैठक में भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने शुक्रवार की शाम से सोमवार की सुबह तक वीकेंड लॉकडाउन लगाने की मांग की. इसके अलावा उन्होंने स्कूलों की छुट्टी 18 अप्रैल से जून तक करने की मांग की. जबकि इस बैठक में शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि अगर सरकार लॉकडाउन लगाने के बारे में सोच रही है तो सरकार को पहले वीकली लॉकडाउन लगाना चाहिए. साथ ही सरकार को इस खबर की सूचना पहले ही सबको देना चाहिए क्योंकि पिछले बार प्रवासियों का क्या हाल हुआ था, वह सभी जानते हैं.
प्रमंडल में डेडीकेटिड कोविड अस्पताल बनाया जाए
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य से जुडे़ हर तरह के इंतजाम कोरोना मरीजों के लिए होना चाहिए. तेजस्वी यादव ने कहा कि हर प्रमंडल में डेडीकेटिड कोविड अस्पताल बनाया जाए. डोर टू डोर वैक्सिनेशन किया जाए. बाहर से आने वाले लागों से किराया न लिया जाए. साथ ही इलाज में लगे मेडिकल स्टाफ को तीन माह का एडवांस वेतन दिया जाए.
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान सरकार पर तंज कसते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि अभी प्रदेश में जो स्थिति है, उसके बाद सरकार फंस गई है, उसके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने यह तय कर लिया है कि बिहार में लॉकडाउन लगाया जाएगा. ऐसे में हमने उनसे कुछ जरूरी मांग की है. उन्होंने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य की स्थिति बहुत ही खराब है.
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में स्थिति पूरी तरह से भयावह
अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बेड की कमी हो रही है. अब जब सरकार की सच्चाई सबके सामने आ गई है तो वह केवल औपचारिक तौर पर बैठक कर रहे है. जबकि, सरकार अपना निर्णय पहले ही कर चुकी है. इसके साथ ही उन्होंने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति को बदतर बताया. तेजस्वी ने कहा कि बिहार में स्थिति पूरी तरह से भयावह हो चुकी है.
स्वास्थ्य व्यवस्था बर्बाद
एक साल में सरकार ने बिहार में कोरोना को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की. एक भी कोरोना डेडीकेटेड अस्पताल नहीं बनाया गया है. अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है, पद खाली है, ऑक्सीजन नहीं है, बेड नहीं है. पूरी तरह से स्वास्थ्य व्यवस्था बर्बाद हो चुकी है. तेजस्वी ने राज्य सरकार से पीएम केयर फंड से मिली राशि का ब्योरा देने की भी मांग की है.
सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कोई काम नहीं किया है. अब जब कुछ सूझ नहीं रहा है तो सर्वदलीय बैठक बुलाने का नाटक किया गया. तेजस्वी यादव ने बताय कि उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा राज्यपाल से कहा कि "आप प्रदेश में संविधान और लोकतंत्र के रक्षक है. चूंकि आपने बैठक बुलाई है, इसलिए अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों के निर्वहन हेतू हम इसमें सम्मिलित हो रहे है.
सरकार के समक्ष निम्नलिखित 30 महत्वपूर्ण सुझाव दिए
तमाम विपक्षी दल विगत एक वर्ष से सदन में, मीडिया के जरिए, पत्रों के माध्यम से निरंतर सरकार को कोरोना प्रबंधन और महामारी से निपटने के अपने बहुमूल्य सुझाव देते आ रहे है. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन पर कभी अमल नहीं हुआ. अब सरकार की व्यवस्थाओं की पोल पूर्णत खुल चुकी है.
सरकार अपनी सारी विफलताएं दूसरे के माथे मढ़, पाप में सबको भागीदार बनाना चाहती है. इसलिए अब विपक्षी दलों को याद किया गया है. अगर सरकार विपक्ष के सकारात्मक सुझावों और सरोकारों को नहीं सुनती है तो ऐसी बैठकों का क्या औचित्य? हमने जनहित में लगभग 12 करोड़ प्रदेशवासियों की स्वस्थता, सुरक्षा और संपन्नता के मद्देनजर बिहार सरकार के समक्ष निम्नलिखित 30 महत्वपूर्ण सुझाव दिए.