कांस्टेबल के परिवार को अनुग्रह राशि की मांग: मुख्यमंत्री को अपने वादे का सम्मान करना होगा: उच्च न्यायालय

By भाषा | Published: July 23, 2021 08:26 PM2021-07-23T20:26:55+5:302021-07-23T20:26:55+5:30

Constable's family demands ex-gratia: CM has to honor his promise: HC | कांस्टेबल के परिवार को अनुग्रह राशि की मांग: मुख्यमंत्री को अपने वादे का सम्मान करना होगा: उच्च न्यायालय

कांस्टेबल के परिवार को अनुग्रह राशि की मांग: मुख्यमंत्री को अपने वादे का सम्मान करना होगा: उच्च न्यायालय

नयी दिल्ली, 23 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से कहा कि उसे कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले दिल्ली पुलिस के सिपाही के परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने के अपने वादे का सम्मान करना चाहिए।

उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि नागरिकों से मुख्यमंत्री का वादा स्पष्ट रूप से ‘‘लागू करने योग्य’’ है।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने मौखिक रूप से उच्च न्यायालय द्वारा बृहस्पतिवार को दिए गए फैसले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आपको वादे का सम्मान करना होगा। आपका मुख्यमंत्री एबीसी कारणों से वादे नहीं कर सकता है।’’

उच्च न्यायालय ने इस फैसले में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को अरविंद केजरीवाल की उस घोषणा पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था कि यदि कोई गरीब किरायेदार कोविड-19 महामारी के दौरान किराए का भुगतान करने में असमर्थ था, तो राज्य इसका भुगतान करेगा।

न्यायमूर्ति पल्ली ने दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल अमित कुमार के परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने का दिल्ली सरकार को निर्देश दिये जाने के अनुरोध संबंधी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को अपने वादों का सम्मान करना होगा।’’ न्यायाधीश ने दिल्ली सरकार को कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय दिया और मामले को चार अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया।

न्यायमूर्ति पल्ली ने बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह द्वारा दिए गए फैसले का भी उल्लेख किया जिसमें यह कहा गया था कि नागरिकों से मुख्यमंत्री का वादा स्पष्ट रूप से ‘‘लागू करने योग्य’’ है।

पेश मामले में अदालत ने कहा कि याचिका मुख्य रूप से मुख्यमंत्री द्वारा जारी किए गए ट्वीट पर आधारित है जिसमें उनके द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया था कि कांस्टेबल अमित कुमार के परिवार के सदस्यों को एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

दिल्ली सरकार ने अदालत में दाखिल अपने जवाब में कहा कि कुमार को राशि नहीं दी जा सकती क्योंकि वह कोविड-19 ड्यूटी पर तैनात नहीं थे। दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी के माध्यम से दायर जवाब में कहा गया है कि कुमार के मामले की कैबिनेट के फैसले के संदर्भ में जांच की गई और उन्हें इसमें शामिल नहीं पाया गया क्योंकि उन्हें दिल्ली सरकार ने कोविड​​-19 ड्यूटी पर तैनात नहीं किया था और दो नवंबर, 2020 को डीसीपी, उत्तर पश्चिम को इस फैसले से अवगत कराया गया था।

कांस्टेबल कुमार की पत्नी पूजा ने अधिवक्ता संदीप सहगल और आनंद प्रकाश शर्मा के माध्यम से दाखिल अपनी याचिका में कहा कि वह अपने पति की मौत के एक दिन बाद से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा किये गए मुआवजे के वादे के अनुरूप अनुग्रह राशि पाने के लिए दर-दर भटक रही है।

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