Conscious Planet: सद्गुरु के साथ विजय दर्डा की आज विशेष चर्चा, शाम पांच बजे से देख सकेंगे
By विनीत कुमार | Published: September 3, 2020 12:22 PM2020-09-03T12:22:43+5:302020-09-03T12:22:43+5:30
आध्यात्मिक गुरु और पद्म विभूषण जग्गी सद्गुरु से आज शाम पांच बजे लोकमत मीडिया के चेयरमैन विजय दर्डा पर्यावरण और महाराष्ट्र से जुड़े कई अहम विषयों पर बात करेंगे। इसे देखना नहीं भूलें।
आध्यात्मिक गुरु और पद्म विभूषण जग्गी सद्गुरु वासुदेव पृथ्वी के संरक्षण और इसे बचाने से जुड़े कई मुद्दों पर सबसे आगे रहे हैं और अपनी बात रखते रहे हैं। ईशा फाउंडेशन के तहत वह आध्यात्मिकता, शिक्षा और पर्यावरण के इर्द-गिर्द घूमने वाले विषयों की पहल में भी शामिल रहे हैं।
लोकमत मीडिया के चेयरमैन विजय दर्डा तीन सितंबर, 2020 शाम 5 बजे पर्यावरण और इसके संरक्षण में हमारी भूमिका पर सद्गुरु से बात करेंगे। पूर्व सांसद विजय दर्डा सकल जैन समाज के संस्थापक भी हैं और समाज के उत्थान के लिए हमेशा तत्पर रह कर काम करते रहे हैं। महाराष्ट्र के विकास और खासकर विदर्भ पर हमेशा उनकी विशेष नजर रही है। वह महाराष्ट्र, यहां के लोगों और अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के लिए यवतमाल को बढ़ावा देने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
सद्गुरु से चर्चा के दौरान विजय दर्डा पर्यावरण को लेकर विचारोत्तेजक सवाल पूछेंगे। इस दौरान दर्शकों को सद्गुरु की अंतर्दृष्टि से रूबरू होने का मौका मिलेगा और वे संभवत: Conscious Planet के लिए काम करने को लेकर प्रेरित होंगे।
Conscious Planet: विजय दर्डा इस चर्चा के दौरान जिन मुद्दों पर बात करेंगे, उनमें से कुछ ये हैं:
- क्या पर्यावरण और अध्यात्म समकालीन हो सकते हैं?
- हम कोविड-19 महामारी से कैसे सीख सकते हैं और अपने ग्रह के लिए काम कर सकते हैं?
- विदर्भ में किसानों की आत्महत्या और किसानों की समस्या को कम करने में नागरिकों की भूमिका
- किसानों को क्या करना चाहिए, जब मौसम उनके मुताबिक नहीं हो?
- हमारी नदियां जीवित रहें, इसके लिए सरकार की क्या भूमिका होनी चाहिए।
विजय दर्डा और जग्गी सद्गुरु वासुदेव अपनी बातचीत के दौरान इन मुद्दों सहित कई और प्रासंगिक विषयों पर चर्चा करेंगे जो महाराष्ट्र और हमारी पृथ्वी से जुड़े हैं। दो विचारकों के बीच इस चर्चा से व्यावहारिक समाधानों के साथ-साथ कई पथ-प्रदर्शक बातें निकलेगी।
लोकमत के फेसबुक पेज और लोकमत YouTube पर इस विचार-प्रेरक बातचीत को देखना न भूलें।