इंटरव्यू: आम आदमी पार्टी का वादा झूठा, दिल्ली को नहीं मिल सकता है पूर्ण राज्य का दर्जा-महाबल मिश्रा
By निखिल वर्मा | Published: May 7, 2019 10:20 AM2019-05-07T10:20:34+5:302019-05-07T10:30:07+5:30
चुनावी प्रचार में व्यस्त कांग्रेस उम्मीदवार महाबल मिश्रा ने अपने निवास डाबरी मोड़, पालम में लोकमत से विशेष बातचीत की। उन्होंने कहा कि सांसद प्रवेश वर्मा फेसबुक पर सिर्फ फेंकते रहते हैं और आप उम्मीदवार को इस सीट पर कोई जानता ही नहीं है।
पश्चिमी दिल्ली सीट पर कांग्रेस वापसी की पुरजोर कोशिश में है। इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता महाबल मिश्रा, बीजेपी के वर्तमान सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और आप के बलबीर सिंह जाखड़ के बीच मुकाबला है। दिल्ली के पूर्वांचल वोटों पर पकड़ रखने वाले महाबल 2009 में इस सीट से सांसद रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में वह तीसरे नंबर रहे थे।
चुनावी प्रचार में व्यस्त महाबल मिश्रा ने अपने निवास डाबरी मोड़, पालम में लोकमत से विशेष बातचीत की। उन्होंने कहा कि सांसद प्रवेश वर्मा फेसबुक पर सिर्फ फेंकते रहते हैं और आप उम्मीदवार को इस सीट पर कोई जानता ही नहीं है। पढ़िए इंटरव्यू के चुनिंदा अंश:-
प्रश्न: कैसा चल रहा है चुनाव प्रचार?
चुनाव तो मैं एक प्रतिनिधि के तौर पर लड़ रहा हूं। पश्चिमी दिल्ली में चुनाव जनता लड़ रही है। पांच साल सांसद रहते हुए मैंने जो विकास कार्य किया था, उस आधार पर लोगों से वोट मांग रहा हूं। हारने के बावजूद पिछले पांच सालों से जनता के सुख-दुख का साथी रहा हूं।
बीजेपी के सांसद विकास कार्यों की जगह पीएम मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं। बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने सिर्फ एक विकास का काम किया है, हर गांव के पार्क में 5-5 बेंच भेजवाया है। जबकि मैंने सांसद रहते हुए यहां हॉस्पिटल बनवाया था। बेंच लगवाने वाले सांसद से मेरी कोई टक्कर ही नहीं है।
प्रश्न: क्या आप उम्मीदवार बलवीर सिंह जाखड़ से कोई टक्कर नहीं है?
कौन हैं बलवीर सिंह जाखड़? उन्हें कोई नहीं जानता। जनता उसे चुनेगी तो उनके सुख-दुख का साथी है और उनके बीच रहा हो। पांच साल में लोगों ने आम आदमी पार्टी को परख लिया है, जनता के बीच ये लोग गए ही नहीं।
प्रश्न: लेकिन आम आदमी पार्टी का आधार तो है ही, पिछली बार वो यहां दूसरे नंबर रहे जिसके चलते ही आपको तीसरे नंबर पर खिसकना पड़ा?
इस बार के परिणाम से आपको पता चल जाएगा कि आप का क्या आधार है। अब जनता आप से सवाल कर रही है तो पूर्ण राज्य का नया मुद्दा लाया गया। ये कैसे संभव है, पूर्ण राज्य के लिए बहुमत वाली सरकार ही संसद में कानून बदल सकती है। ना नौ मन घी होगा, ना राधा नाचेगी।
प्रश्न: मनीष सिसोदिया तो दिल्ली में कह रहे हैं कि सभी सीटों पर आप प्रत्याशी को जिताइये, केंद्र में हमारा दम पर सरकार बनेगी, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे?
पूर्ण राज्य का दर्जा संभव नहीं है। दिल्ली में 40 फीसदी क्षेत्र में विकास कार्य डीडीए करती है। एम्स, राममनोहर लोहिया जैसे सरकारी अस्पतालों के लिए केंद्र सरकार 6800 करोड़ फंड करती है। दिल्ली पुलिस को 7 हजार करोड़ देती है। केंद्रीय विश्वविद्यालय को 4 हजार करोड़ देती है। इतना ज्यादा बजट केंद्र सरकार से आता है, जिससे दिल्ली सुंदर और स्वच्छ बन सकती है।
मुझे लगता है कि केजरीवाल साहब लोगों को धोखा दे रहे हैं। संसद में आप के सात सांसद थे। पहले क्यों नहीं उठाया पूर्ण राज्य का मुद्दा। जब संसद सत्र खत्म हो गया तब इस मुद्दे को उठा रहे हैं। 4 साल से दर्जा क्यों नहीं मांग रहे थे।
प्रश्न: सिसोदिया कह रहे हैं कि दिल्ली में सरकारी नौकरी में 85 फीसदी रोजगार स्थानियों लोगों को देंगे?
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री पहले नागरिकता को परिभाषित करें। दिल्ली सबकी है। दिल्ली देश की राजधानी है। आप किसे स्थानीय मानते हैं। एक सीमारेखा तो होगी कि इससे पहले के नागरिक दिल्ली के निवासी हैं। मनीष सिसोदिया परिभाषित करें कि कौन बाहरी है और कौन स्थानीय।
प्रश्न: आप के साथ गठबंधन की रस्साकशी में आपको देर से उम्मीदवार घोषित किया गया, क्या सभी 10 विधानसभा क्षेत्रों में जाना हुआ?
निश्चित तौर से विलंब से मिला। पहले मिलता और ज्यादा मेहनत करते। लेकिन पिछले 10 सालों से मैं यहां मेहनत कर रहा हूं। वर्तमान सांसद ने तो सिर्फ मेरे किए गए कार्यों का फीता काटा है। समय मिला तो सांसद साहेब ने बैडमिंटन खेला। इसके बाद ही उनके पास समय बच गया तो फेसबुक पर फेंकते रहे।