नागरिकता संशोधन बिल को लेकर शिवसेना के रुख पर कांग्रेस ने कहा कि वह इस मुद्दे पर उद्धव ठाकरे से बातचीत करेगी। कैबिनेट ने बुधवार को इस सत्र में पेश करने के लिए नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी दी थी और अब इसे 9 दिसंबर को संसद में पेश किया जाएगा। एएनआई के मुताबिक, शिवसेना के इस बिल का समर्थन करने के संकेत के बीच कांग्रेस ने गुरुवार को कहा, 'कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना के) में यह तय किया गया था कि राष्ट्रीय मुद्दों (नागरिकता संशोधन विधेयक) पर आम सहमति के बाद निर्णय लिया जाएगा। कांग्रेस उद्धव ठाकरे से इस मामले पर बात करेगी।'
शिवसेना ने कहा था, 'राष्ट्र हित से जुड़े मुद्दों पर उसका रुख नहीं बदलेगा'
पिछली बार सरकार द्वारा पेश इस बिल का कई पार्टियों ने विरोध किया था और ये लोकसभा में पास होने के बावजूद राज्यसभा में पास नहीं हो सका था। लेकिन इस बार के बिल में हुए बदलावों के बाद कई पार्टियां इसका समर्थन करती नजर आ रही है।
शिवसेना ने भी बुधवार को इस बिल को समर्थन देने का संकेत देते हुए कहा था कि कि वह कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार होने के बावजूद राष्ट्र हित से जुड़े मुद्दों पर अपना रुख कायम रखेगी।
नागरिकता संशोधन बिल का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर भारत आने वाले छह समुदायों-हिंदू, सिख, जैन बौद्ध, ईसाई और पारसी धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देना है।