दिल्ली हार पर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अब भी मौन, सिर्फ चाको के इस्तीफे से पार्टी की युवा ब्रिगेड संतुष्ट नहीं
By शीलेष शर्मा | Published: February 15, 2020 08:35 AM2020-02-15T08:35:24+5:302020-02-15T08:35:24+5:30
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के लिए दिल्ली के परिणाम चौंकाने वाले नहीं थे. क्योंकि पार्टी अपने प्रदर्शन से पहले से ही वाकिफ थी. यही कारण है कि ना तो पार्टी ने पैसा खर्च किया और ना ही बड़े नेता प्रचार अभियान में उतरे. लेकिन युवा पीढ़ी पार्टी में कोहराम मचाएं हुए है.
लगातार दूसरी बार दिल्ली में शर्मनाक पराजय के बाद से ही कांग्रेस में आतंरिक कोहराम मचा है, लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पूरी तरह मौन है. जहां भाजपा और आम आदमी पार्टी बैठकें कर हार-जीत पर मंथन कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस में ऐसी कोई हलचल नहीं है.
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के लिए दिल्ली के परिणाम चौंकाने वाले नहीं थे. क्योंकि पार्टी अपने प्रदर्शन से पहले से ही वाकिफ थी. यही कारण है कि ना तो पार्टी ने पैसा खर्च किया और ना ही बड़े नेता प्रचार अभियान में उतरे. लेकिन युवा पीढ़ी पार्टी में कोहराम मचाएं हुए है.
शर्मिष्ठा मुखर्जी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट सहित राहुल समर्थकों की बड़ी भीड़ पार्टी के बड़े नेताओं पर सवाल उठा रही है और पूछ रही है कि पार्टी क्या अब भी इससे बुरे होने का इंतजार कर रही है? इन युवा नेताओं के सवाल उठाने से एक बार फिर कांग्रेस में युवा बनाम बुजुर्ग की आग सुलगने लगी है.
हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पराजय के तुरंत बाद अपने विश्वास पात्र पी.सी. चाको को इस्तीफा देने की सलाह दी और इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया. इतना ही नहीं फौरी व्यवस्था के तौर पर शक्ति सिंह गोहिल को दिल्ली का प्रभार सौंप दिया गया. लेकिन पार्टी के युवा नेता इस से संतुष्ट नहीं है.
हालांकि माना जा रहा है कि 18 फरवरी के बाद जब शक्ति सिंह गोहिल अपना पदभार संभालंेगे इसके बाद चुनाव परिणामों की समीक्षा की जाएगी और प्रदेश में नई टीम का खाका तैयार किया जाएगा.