उमर और महबूबा पर पीएसए लगाये जाने के खिलाफ कांग्रेस ने उठाई आवाज, पढ़ें प्रियंका गांधी ने क्या कहा
By शीलेष शर्मा | Published: February 7, 2020 11:49 PM2020-02-07T23:49:42+5:302020-02-07T23:49:42+5:30
प्रियंका गांधी ने उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को जनसुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किए जाने को लेकर कड़ी टिप्पणी की और पूछा कि आखिर किस आधार पर यह सरकार इन नेताओं के खिलाफ कार्यवाही कर रही है.
कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को पीएसए के तहत रखे जाने को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला. पार्टी का आरोप है कि मोदी सरकार संविधान में दिए अधिकारों का खुले आम उल्लंघन कर रही है और फरमान जारी कर अवैध तरीके से कश्मीर के वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में रखे हुए है.
पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को जनसुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किए जाने को लेकर कड़ी टिप्पणी की और पूछा कि आखिर किस आधार पर यह सरकार इन नेताओं के खिलाफ कार्यवाही कर रही है.
उन्होंने मांग की कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती दोनों पूर्व मुख्यमंत्री है और वे भारतीय संविधान के तहत रिहाई के हकदार है.
प्रियंका ने यह भी सवाल उठाया कि सरकार के पास ऐसे क्या सबूत है जिसके आधार पर इन नेताओं के खिलाफ पीएसए लगाया गया है. ये वे नेता हैं जिन्होंने हमेशा संविधान को कायम रखा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किया. हिंसा और विभाजन से इनका कोई कभी रिश्ता नहीं रहा.
गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पिछले छह महीने से हिरासत में है और नेशनल कांफ्रेस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला पहले से ही पीएसए के तहत सरकार के कब्जे में हैं.
प्रियंका गांधी के अलावा पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने भी इस मामले में सरकार की आलोचना की और कहा कि बिना किसी ठोस आरोप के पीएसए लगाया जाना लोकतंत्र में एक घटिया कदम है.
चिदंबरम ने हैरानी व्यक्त करते हुए पूछा कि जब अन्यायपूर्ण कानून पारित किये जाते हैं तो उन्हें अन्यायपूर्ण तरीके से ही लागू कर दिया जाता है.