अलकायदा की तरह आरएसएस?, कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा-समझौता एक्सप्रेस में क्या हुआ, सब जानते?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 29, 2025 20:25 IST2025-12-29T20:23:50+5:302025-12-29T20:25:19+5:30
आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों पर कई जगहों पर सांप्रदायिक नफरत और हिंसा फैलाने के आरोप लगे हैं, लेकिन अल-कायदा जिस तरह हिंसा फैलाता है और आरएसएस पर जो आरोप हैं, वे अलग तरह के हैं।

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नई दिल्लीः कांग्रेस नेता उदित राज ने सोमवार को अपनी पार्टी के सहयोगी मणिकम टैगोर के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना आतंकवादी संगठन अल-कायदा से की थी। पूर्व सांसद उदित राज ने कहा कि आरएसएस की गतिविधियां किसी आतंकवादी संगठन की तरह हैं। टैगोर ने रविवार को कहा था कि आरएसएस एक “नफरत पर आधारित संगठन” है और अलकायदा की तरह है। उदित राज ने कहा, “आरएसएस की गतिविधियां एक आतंकवादी संगठन जैसी हैं… अफवाहें फैलाना, झगड़े भड़काने की कोशिश करना… समझौता एक्सप्रेस में क्या हुआ, यह सब जानते हैं।’’ वर्ष 2007 में समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में बम विस्फोट हुआ था, जिसमें लगभग 70 लोगों की मौत हो गई थी।
उन्होंने आरोप लगाया, “जो लोग आरएसएस छोड़ चुके हैं, उन्होंने कहा है कि वहां बम बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। टैगोर जी का मतलब यह था कि यह एक विनाशकारी संगठन है जो नफरत फैलाता है। संगठन का काम करने का तरीका एक आतंकवादी संगठन जैसा है।” इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आरएसएस और अल-कायदा अलग-अलग हैं,
लेकिन दोनों का संबंध सांप्रदायिक नफरत फैलाने से है। भारद्वाज ने कहा, “आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों पर कई जगहों पर सांप्रदायिक नफरत और हिंसा फैलाने के आरोप लगे हैं, लेकिन अल-कायदा जिस तरह हिंसा फैलाता है और आरएसएस पर जो आरोप हैं, वे अलग तरह के हैं।
आरएसएस कई अन्य काम भी करता है और खुद को एक वैध संगठन के रूप में प्रस्तुत करने में सक्षम है। अल-कायदा एक घोषित आतंकवादी संगठन है।” लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने टैगोर की टिप्पणी की निंदा की।
उन्होंने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत में कांग्रेस जैसी पार्टी है, जिसका इतिहास आतंकवादियों को संरक्षण देने का रहा है… अब वे किसी और पर उंगली उठा रहे हैं।” उनका कहना था, “आरएसएस एक ऐसा संगठन है जिसने राष्ट्रीय हित में काम किया है। यह दोहरा मापदंड है और गलत है, जिसकी निंदा की जानी चाहिए।”