शशि थरूर ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल, कहा- एक चुनाव परिणाम ने ऐसे लोगों को इतनी ताकत दी कि वे किसी को भी मार दें
By रामदीप मिश्रा | Published: September 22, 2019 03:30 PM2019-09-22T15:30:56+5:302019-09-22T15:30:56+5:30
'शशि थरूर ने नरेद्र मोदी सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा, 'हमने पिछले 6 सालों में क्या देखा, इसकी शुरुआत (मॉब लिंचिंग) पुणे में मोहसिन शेख की हत्या से हुई। फिर, मोहम्मद अखलाक को यह कहते हुए मार दिया गया कि वह गोमांस ले जा रहा था। लेकिन बाद में यह बताया गया कि वह गोमांस नहीं था।'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने मॉब लिंचिंन को लेकर देश की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने 'जय श्री राम' नारे और धर्म के नाम पर हो रही हत्याओं के लिए भगवना राम का अपमान बताया है। थरूर ने यह बाते महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पुणे में कही है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, थरूर ने नरेद्र मोदी सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा, 'हमने पिछले 6 सालों में क्या देखा, इसकी शुरुआत (मॉब लिंचिंग) पुणे में मोहसिन शेख की हत्या से हुई। फिर, मोहम्मद अखलाक को यह कहते हुए मार दिया गया कि वह गोमांस ले जा रहा था। लेकिन बाद में यह बताया गया कि वह गोमांस नहीं था। यदि यह गोमांस था, तो किसी भी व्यक्ति को किसने मारने का अधिकार दिया?'
उन्होंने कहा, 'इसके अलावा, पहलु खान के पास डेयरी फार्मिंग के लिए गाय ले जाने का लाइसेंस था, लेकिन उसे भी मौत के घाट उतार दिया गया। एक चुनाव परिणाम ने ऐसे लोगों को इतनी ताकत दी कि वे कुछ भी करें और किसी को भी मार दें?'
शशि थरूर सवाल करते हुए पूछा, 'क्या यही हमारा भारत है, क्या यही कहता है हिन्दू धरम? मैं हिंदू हूं लेकिन इस तरह का नहीं। साथ ही, लोगों को मारते हुए, उन्हें 'जय श्री राम' कहने के लिए बोला जाता है। यह हिंदू धर्म का अपमान है। यह भगवान राम का अपमान है कि लोग उनके नाम का इस्तेमाल करके मारे जा रहे हैं।'
Shashi Tharoor: Is this our Bharat? Is this what Hindu Dharam says? I am a Hindu but not of this kind. Also, while killing people, they are asked to say ‘Jai Sri Ram’. It is an insult to Hindu Dharma. It is an insult to Lord Ram that people are being killed using his name. pic.twitter.com/30FyKel2aO
— ANI (@ANI) September 22, 2019
शशि थरूर ने पुणे अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में कहा कि भारत अब एक ऐसा देश बन गया है जहां या तो आप इस तरफ हैं या उस तरफ और इसके बीच सहिष्णुता के लिये कोई जगह नहीं है। उन्होंने इस राजनीतिक “ध्रुवीकरण” के लिए “सत्ताधारी दल” के कृत्यों और पसंद को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि मैं राम की पूजा कर सकता हूं, मैं हनुमान चालीसा पढ़ता हूं, इसलिये मैं हिंदू हूं....लेकिन अचानक अगर कोई कहे कि मैं इनमें से कुछ नहीं करता और इसके बावजूद मैं हिंदू हूं तब वो दोनों सही हैं, और इसे भाजपा तथा संघ परिवार नहीं समझ पाया है। मैं मानता हूं कि मेरा एक सच है और आप मानते हैं कि आपके पास सच है...मैं अपने सच का सम्मान करूंगा और कृपया मेरे सच का सम्मान कीजिए...मेरे लिये, यह हिंदुत्व की मूल भावना है।”
उन्होंने कहा कि सहिष्णुता से भी आगे स्वीकार्यता है। हिंदुत्व न सिर्फ भारतीय समाज, सभ्यता और संस्कृति का आधार है बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र की भी मजबूती है।